Natural ways to Reduce Uric Acid : बढ़ा हुआ यूरिक एसिड सिर्फ जोड़ों में दर्द नहीं, बल्कि किडनी को भी धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकता है। इसे कंट्रोल में रखना किडनी की सेहत के लिए जरूरी है।
High Uric Acid Kidney Damage : जब भी हम यूरिक एसिड की बात करते हैं, तो ज़्यादातर लोगों के मन में जोड़ों के दर्द, यानी गठिया (Gout) की बात आती है। ये सही है कि बढ़ा हुआ यूरिक एसिड (High Uric Acid) गठिया का मुख्य कारण है। लेकिन, बात सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट्स अब इस बात को लेकर काफी चिंतित हैं कि अगर यूरिक एसिड लगातार ज़्यादा बना रहे, तो यह हमारे गुर्दों (किडनी) को भी धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकता है।
जब खून में यूरिक एसिड (High Uric Acid) की मात्रा बहुत ज़्यादा हो जाती है, तो यह छोटे-छोटे कण या क्रिस्टल (पत्थर जैसे कण) बना सकता है। ये क्रिस्टल हमारे गुर्दों के अंदर जमा हो सकते हैं।
गुर्दों का काम हमारे खून को छानकर साफ करना होता है। उनके अंदर बहुत बारीक नलियां और फिल्टर होते हैं जो यह सफाई का काम करते हैं। ये यूरिक एसिड के क्रिस्टल उन्हीं बारीक नलियों और फिल्टर्स को धीरे-धीरे खराब करने लगते हैं।
High Uric Acid : नतीजा क्या होता है?
इस नुकसान की वजह से गुर्दों की खून साफ करने की क्षमता कम होने लगती है। समय के साथ, यह गुर्दों की बीमारियों का कारण बन सकता है या पहले से मौजूद गुर्दों की समस्या को और बढ़ा सकता है। अक्सर, यह नुकसान चुपचाप होता रहता है, जिसके लक्षण शुरुआत में आसानी से पता नहीं चलते, जैसा कि गठिया के तेज दर्द में होता है।
जब रक्त में यूरिक एसिड (High Uric Acid) की मात्रा अधिक हो जाती है, तो यह छोटे-छोटे क्रिस्टल्स का रूप ले सकता है जो सिर्फ जोड़ों में नहीं, बल्कि गुर्दों में भी जम सकते हैं। इससे सूजन, पेशाब में तकलीफ, गुर्दों की कार्यक्षमता में गिरावट, और यहाँ तक कि किडनी स्टोन तक हो सकता है।
लोग अक्सर सोचते हैं कि शुगर ही यूरिक एसिड (Uric Acid) बढ़ाती है, लेकिन सोडियम (नमक) भी इसकी बड़ी वजह है। पैकेज्ड फूड, सॉसेज़ और इंस्टेंट खाने में छिपा नमक ब्लड प्रेशर और किडनी फिल्टरिंग को प्रभावित करता है।
क्या करें: रोज़मर्रा की किचन में सेंधा नमक या हिमालयन पिंक सॉल्ट का उपयोग करें। प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं।
चेरी, खासकर टार्ट चेरी, यूरिक एसिड को प्राकृतिक रूप से कम करने में मददगार है। इनमें मौजूद एंथोसाइनिन्स सूजन को कम करते हैं और यूरिक एसिड के स्तर को संतुलित रखते हैं।
सप्ताह में 2-3 बार एक कटोरी ताजे चेरी या बिना शक्कर का चेरी जूस लें।
सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू डालकर पीना न सिर्फ हाइड्रेशन देता है बल्कि किडनी में क्रिस्टल बनने से भी रोकता है। नींबू में मौजूद साइट्रेट यूरिक एसिड के प्रभाव को कम करता है।
यह एक सरल, लेकिन असरदार दिनचर्या बन सकती है।
तेज वर्कआउट नहीं, बल्कि हल्की फुलकी गतिविधियां जैसे टहलना, योग करना, या स्ट्रेचिंग—यूरिक एसिड कम करने और किडनी की सेहत बनाए रखने में ज्यादा कारगर होती हैं।
दिन में सिर्फ 30 मिनट चलने से भी बड़ा फर्क आ सकता है।
गिलोय (टिनोस्पोरा) और पुनर्नवा (बोएरहेविया डिफ्यूज़ा) को आयुर्वेद में किडनी की रक्षा और यूरिक एसिड संतुलन के लिए जाना जाता है। ये प्राकृतिक डाययूरेटिक होते हैं जो सूजन को कम करते हैं और शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करते हैं।
यूरिक एसिड सिर्फ जोड़ों की नहीं, किडनी की भी चुपचाप दुश्मन बन सकता है। लेकिन आप कुछ सरल बदलावों और प्राकृतिक उपायों से इसे नियंत्रण में रख सकते हैं।
बेहतर खानपान, हाइड्रेशन, हल्की गतिविधि और आयुर्वेदिक समर्थन—ये चारों मिलकर किडनी को स्वस्थ और यूरिक एसिड को संतुलित रखने में मदद करते हैं।
Uric Acid Reduction: इनके सेवन से हाई यूरिक एसिड समस्या में राहत
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।