Mental Health : नींद न आने पर सोने से पहले मोबाइल/टीवी से दूरी बनाएं, हल्का योग करें, और नियमित समय पर सोने की आदत डालें। अगर समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
Insomnia treatment : आजकल बहुत से लोग मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। किसी को नींद न आने (Insomnia) की समस्या है, तो कोई हर वक्त डर और बेचैनी में जी रहा है। कई लोग बिना वजह चिंता करते रहते हैं, बार-बार बुरे ख्याल आते हैं और भविष्य की सोच में इतने उलझ जाते हैं कि नींद और पढ़ाई दोनों बिगड़ जाती हैं।
कुछ गंभीर मामलों में लोगों को ऐसी आवाजें सुनाई देना या ऐसी चीज़ें दिखना शुरू हो जाती हैं, जो असल में होती ही नहीं (जैसे मेघा का सवाल – भ्रम/Hallucinations)। यह स्थिति और भी डराने वाली हो सकती है और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।
डिप्रेशन से जूझ रहे लोग अक्सर पूछते हैं – इलाज कब तक चलेगा? क्या दवाइयाँ काफी हैं या थेरेपी और काउंसलिंग भी ज़रूरी है? और एक बार ठीक होने के बाद, क्या बीमारी फिर से लौट सकती है (Relapse)?
इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए हमने बात की जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में मनोचिकित्सा विभाग के विशेषज्ञ डॉ. सुनील शर्मा से। उन्होंने विस्तार से बताया कि नींद की समस्या से लेकर डिप्रेशन और भ्रम जैसी गंभीर मानसिक स्थितियों (Mental Health) को कैसे समझा और संभाला जा सकता है।