स्वास्थ्य

Hypersensitivity : क्या अत्यधिक संवेदनशील होना एक बीमारी है? जानिए सच

Hypersensitivity : हर व्यक्ति का अपना मानवीय गुणधर्म होता है। यह गुणधर्म इस बात से निर्धारित होता है कि उसकी परवरिश किस तरह के परिवेश में हुई है। उसका पारिवारिक माहौल कैसा रहा है।

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Sep 27, 2024
Hypersensitivity Healthy Trait or Sign of Mental Stress?

Hypersensitivity : हर व्यक्ति की अपनी अलग पहचान होती है, जो उसकी परवरिश, पारिवारिक वातावरण और सामाजिक अनुभवों से निर्मित होती है। इन्हीं विशेषताओं में से एक 'Hypersensitivity' भी है। यह एक ऐसा गुण है जो कुछ लोगों में अत्यधिक प्रकट होता है। हालांकि, जब यह गुण हद से ज्यादा बढ़ जाता है और दैनिक जीवन को प्रभावित करने लगता है, तब इसे समस्या के रूप में देखा जा सकता है।

क्या है अति संवेदनशीलता? What is hypersensitivity?

अति संवेदनशीलता (Hypersensitivity) वह अवस्था है, जब व्यक्ति हर घटना या परिस्थिति को गहराई से समझने और विश्लेषण करने की अत्यधिक क्षमता रखता है। ऐसा व्यक्ति हर छोटी बात पर प्रतिक्रिया दे सकता है, भले ही वह बात सामान्य ही क्यों न हो। सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. राजीव मेहता के अनुसार, अति संवेदनशीलता स्वभाव की विशेषता है, जो कुछ व्यक्तियों में अधिक प्रकट होती है।

अति संवेदनशीलता: गुण या समस्या? Hypersensitivity: Virtue or Problem?

अति संवेदनशीलता (Hypersensitivity) को स्वाभाविक गुण भी कहा जा सकता है, लेकिन जब यह व्यक्ति के सामाजिक या पेशेवर जीवन को प्रभावित करने लगती है, तब यह एक मानसिक समस्या बन सकती है। यदि व्यक्ति अपनी संवेदनशीलता (Hypersensitivity) के कारण रिश्ते बनाने या बनाए रखने में असफल हो, काम में ध्यान न दे पाए या छोटी-छोटी बातों पर अधिक सोचने लगे, तो यह एक गंभीर समस्या बन जाती है।

क्या कारण बनाते हैं व्यक्ति को अति संवेदनशील? What causes a person to be highly sensitive?

अति संवेदनशीलता (Hypersensitivity) के पीछे कई कारण हो सकते हैं। डॉ. मेहता के अनुसार, व्यक्ति के जीवन में तनाव, चिंता, और लगातार किसी बात पर सोचने की प्रवृत्ति इस स्वभाव को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, पारिवारिक माहौल का भी बड़ा असर होता है। अगर व्यक्ति ऐसे वातावरण में पला-बढ़ा हो जहां संवाद की कमी हो, या लगातार आलोचना और दबाव का सामना करना पड़ा हो, तो वह संवेदनशीलता (Sensitivity) की तरफ बढ़ सकता है।

उच्च शिक्षा और अति संवेदनशीलता Higher education and hypersensitivity

आमतौर पर उच्च शिक्षित लोग ज्यादा संवेदनशील (Sensitivity) हो सकते हैं, क्योंकि वे किसी भी विषय को कई दृष्टिकोणों से देखने और समझने की क्षमता रखते हैं। हालाँकि, यह कहना गलत नहीं होगा कि उच्च शिक्षा के कारण व्यक्ति अधिक जटिल सोच सकता है, जिससे उसकी संवेदनशीलता बढ़ सकती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि शिक्षा का नकारात्मक प्रभाव है, बल्कि यह एक स्वाभाविक परिणाम हो सकता है।

मनोवैज्ञानिक जिम्मेदारी और संवेदनशीलता Psychological responsibility and sensitivity

व्यक्ति का पेशेवर जीवन भी उसकी संवेदनशीलता (Sensitivity) को प्रभावित करता है। जब किसी व्यक्ति पर उच्च पद की जिम्मेदारी होती है, तो उस पर अच्छे परिणाम देने का मानसिक दबाव भी होता है, जिससे उसकी संवेदनशीलता बढ़ सकती है। इसी प्रकार, बचपन में माता-पिता का अत्यधिक स्नेह पाने वाले बच्चे भी बड़े होकर अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।

अति संवेदनशीलता के परिणाम The consequences of hypersensitivity

अति संवेदनशील (Sensitivity) व्यक्तियों को अक्सर अपने जीवन में कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उनके पारिवारिक और पेशेवर जीवन में संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। संवेदनशीलता के कारण वे छोटी-छोटी बातों पर अधिक सोचते हैं, जिसे ‘ओवर थिंकिंग’ कहा जाता है। यह प्रवृत्ति मानसिक तनाव को बढ़ा सकती है और व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर कर सकती है।

समाधान और उपचार

अगर किसी व्यक्ति की अति संवेदनशीलता (Sensitivity) उसके जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही हो, तो मनोवैज्ञानिक मदद लेना जरूरी है। चिकित्सक के मार्गदर्शन में मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने के उपाय अपनाए जा सकते हैं, जिससे संवेदनशीलता को नियंत्रित किया जा सके और व्यक्ति एक स्वस्थ, संतुलित जीवन जी सके।

अति संवेदनशीलता (Sensitivity) एक स्वाभाविक गुण हो सकता है, लेकिन अगर यह हमारे जीवन को बाधित करने लगे, तो इसे संभालने और समझने की आवश्यकता है। ध्यानपूर्वक इस स्थिति को समझने से इसे संतुलित करने के उपाय मिल सकते हैं, जो व्यक्ति को एक बेहतर और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करेंगे।

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