Heart attack prevention : भारतीय मूल के एक व्यक्ति के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम के किए गए शोध में यह बात सामने आई है कि किडनी की बीमारी में इस्तेमाल की जाने वाली दवा को मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (दिल के दौरे) वाले मरीजों को दिया जा सकता है।
Heart attack prevention : हाल ही में एक शोध में सामने आया है कि किडनी रोग के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा 'एम्पाग्लिफ्लोज़िन' दिल के दौरे (मायोकार्डियल इन्फार्क्शन) के बाद हार्ट फेलियर के जोखिम को कम कर सकती है। माउंट सिनाई फस्टर हार्ट हॉस्पिटल द्वारा किए गए इस शोध को भारतीय मूल के डॉक्टर दीपक एल. भट्ट ने नेतृत्व दिया।
एम्पाग्लिफ्लोज़िन (Empagliflozin) एक ऐसी दवा है जो सोडियम ग्लूकोज को-ट्रांसपोर्टर 2 (SGLT2) प्रोटीन को अवरुद्ध करती है। यह प्रोटीन शरीर में ग्लूकोज को पुनः अवशोषित करने में मदद करता है, और इसे अवरुद्ध करने से रक्त शर्करा (Blood Sugar) के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, यह दवा हार्ट अटैक (Heart attack) के बाद किडनी की कमजोरियों वाले मरीजों के लिए भी सुरक्षित है और उनके हृदय की कार्यक्षमता को बनाए रखने में सहायक हो सकती है।
दिल के दौरे के बाद, मरीजों के किडनी फंक्शन पर अधिक दबाव पड़ता है, क्योंकि उन्हें विभिन्न प्रकार की दवाएं और तरल पदार्थ दिए जाते हैं। इससे किडनी को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है। इसी कारण से, डॉक्टर दिल के दौरे (Heart attack) के तुरंत बाद एम्पाग्लिफ्लोज़िन के उपयोग को लेकर हिचकिचाते हैं। हालांकि, इस शोध ने इस धारणा को चुनौती दी है और सुझाव दिया है कि एम्पाग्लिफ्लोज़िन (Empagliflozin) दिल के दौरे के बाद भी एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है।
इस शोध में 6,522 ऐसे मरीज शामिल थे जिन्हें दिल का दौरा (Heart attack) पड़ा था। इन मरीजों को दो समूहों में बांटा गया - एक समूह को एम्पाग्लिफ्लोज़िन दी गई और दूसरे समूह को प्लेसीबो (नाम मात्र की दवा)। परिणामस्वरूप, एम्पाग्लिफ्लोज़िन लेने वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता कम पड़ी और उनकी हृदय गति रुकने की घटनाओं में भी कमी देखी गई। यह भी पाया गया कि दवा के सेवन के 30 दिनों के भीतर, दोनों समूहों में हानिकारक घटनाओं की दर लगभग समान थी, चाहे उनके बेसलाइन किडनी फंक्शन, सिस्टोलिक रक्तचाप, या अन्य चिकित्सा उपचार कुछ भी हों।
हृदय रोग विश्व स्तर पर मृत्यु का प्रमुख कारण है और हृदयाघात (Heart attack) इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस शोध ने यह स्पष्ट किया है कि दिल के दौरे के तुरंत बाद एम्पाग्लिफ्लोजिन का उपयोग न केवल सुरक्षित है, बल्कि यह मरीजों की लंबे समय तक देखभाल के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।
इस शोध के निष्कर्ष लंदन में यूरोपीय सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी कांग्रेस में प्रस्तुत किए गए और इसका उद्देश्य डॉक्टरों को दिल के दौरे (Heart attack) के बाद के उपचार में इस दवा के उपयोग के लिए प्रेरित करना है। यह शोध हृदय रोग से पीड़ित वैश्विक आबादी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे जुड़े मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में एक नई उम्मीद जगाता है।
इस शोध से प्राप्त जानकारी से डॉक्टरों को दिल का दौरा पड़ने के तुरंत बाद एम्पाग्लिफ्लोजिन के उपयोग को लेकर अधिक विश्वास मिलेगा और वे इसे अधिक आत्मविश्वास के साथ मरीजों के इलाज में शामिल कर सकेंगे।