Married Couples Weight Gain : हर चौथा शादीशुदा जोड़ा मोटापे का शिकार है। ICMR की स्टडी में सामने आया है करीब 27.4% शादीशुदा जोड़े ऐसे हैं जहां पति-पत्नी दोनों ही मोटे या ओवरवेट हैं।
Married Couples Weight Gain : मोटापा अब सिर्फ सेहत की नहीं बल्कि हमारी लाइफ स्टाइल से जुड़ी एक बड़ी समस्या बन गया है। हाल ही में हुए एक चौंकाने वाले शोध ने इस पर रोशनी डाली है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की एक स्टडी के मुताबिक, भारत में करीब 27.4% शादीशुदा जोड़े ऐसे हैं जहां पति-पत्नी दोनों ही मोटे या ओवरवेट हैं। यह रिसर्च 52,000 से ज्यादा कपल्स के डेटा पर आधारित है और बताती है कि कैसे साथ रहने की आदतें मोटापे को बढ़ा रही हैं खासकर अमीर और शहरी परिवारों में जहान युवा जोड़ों में ये समस्या ज्यादा दिख रही है।
मोटापा जेनेटिक नहीं है तो फिर शादीशुदा जोड़ों में ये समानता क्यों? जवाब है उनकी साझा लाइफ स्टाइल। ICMR के डॉ. प्रशांत कुमार सिंह कहते हैं खान-पान, शारीरिक गतिविधि की कमी, स्क्रीन टाइम और तनाव झेलने के तरीके, ये सब मिलकर मोटापा बढ़ाते हैं। न्यूक्लियर परिवारों में जहां खाने-पीने का कोई तय समय नहीं होता और सामाजिक लगाम कम होती है वहां ये आदतें और तेजी से पनपती हैं।
स्टडी में सामने आया कि शहरी जोड़ों में ये समानता 38.4% थी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 22.1%। सबसे अमीर घरों में ये आंकड़ा 47.6% तक पहुंच गया जो दिखाता है कि संपन्नता और मोटापा साथ-साथ बढ़ रहे हैं।
भौगोलिक असमानताएं दिखाती हैं कि कैसे विकास और संपन्नता मोटापे के साथ जुड़ी हुई हैं। जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पति-पत्नी दोनों में मोटापे की दर सबसे ज़्यादा पाई गई, वे हैं:
केरल (51.3%)
जम्मू और कश्मीर (48.5%)
मणिपुर (47.9%)
दिल्ली (47.1%)
गोवा (45.0%)
तमिलनाडु (42.7%)
पंजाब (42.5%)
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30 साल से कम उम्र के जोड़ों में मोटापे की ये दर और भी चिंताजनक है खास केरल (42.8%) और गोवा (37%) में। डॉ. सिंह चेताते हैं कि कम उम्र में मोटापा डायबिटीज, हृदय रोग और अन्य गंभीर बीमारियों का रास्ता खोलता है। टेलीविजन देखना, अखबार पढ़ना (जो सुस्त जीवनशैली दर्शाता है) और प्रोसेस्ड फ़ूड का सेवन, ये सब मुख्य कारण हैं। संयुक्त परिवारों के मुकाबले न्यूक्लियर परिवारों में ये दर ज्यादा पाई गई।
यह भारतीय रिसर्च दुनिया भर के ट्रेंड से मिलती-जुलती है। 2040 तक भारत में वयस्कों में मोटापे की दर काफी बढ़ सकती है। एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि अब व्यक्तिगत नहीं बल्कि जोड़ों या परिवारों को ध्यान में रखकर स्वास्थ्य कार्यक्रम बनाने होंगे। डॉ. सिंह कहते हैं, मोटापा सामाजिक रूप से फैलता है तो इसका समाधान भी सामाजिक होना चाहिए। हमें ऐसे फिटनेस प्रोग्राम, डाइट काउंसलिंग और बीमा योजनाएं चाहिए जो पूरे परिवार के लिए हों।