स्वास्थ्य

Diabetes treatment में नई क्रांति, आईएल-35 प्रोटीन की खोज से उम्मीदें बढ़ी

Diabetes treatment : भारतीय शोधकर्ताओं ने एक नए प्रोटीन आईएल-35 की खोज की है, जो मधुमेह के इलाज में प्रभावी साबित हो सकता है।

2 min read
Nov 06, 2024
diabetes

Diabetes treatment : डायबिटीज जैसी बीमारी से निपटने के लिए चिकित्सा जगत में एक नई खोज ने उम्मीदें जगाई हैं। शोधकर्ताओं ने एक खास प्रोटीन आईएल-35 का पता लगाया है, जो मधुमेह के इलाज (Diabetes treatment) में कारगर साबित हो सकता है। इस खोज का विशेष महत्व टाइप 1 मधुमेह (Type 1 diabetes) और स्व-प्रतिरक्षा मधुमेह के इलाज के लिए है, जो अधिकतर बच्चों और किशोरों को प्रभावित करता है।

Diabetes treatment : IL-35 protein, सूजन घटाने में कारगर

शोधकर्ताओं के अनुसार, आईएल-35 प्रोटीन (IL-35 protein) शरीर में सूजन पैदा करने वाले रसायनों के उत्पादन को नियंत्रित करता है। यह प्रोटीन सूजन कम कर अग्नाशयी बीटा कोशिकाओं को सुरक्षा प्रदान करता है, जो टाइप 1 मधुमेह (Type 1 diabetes) के मरीजों में खास तौर से प्रभावित होती हैं। यह प्रक्रिया टाइप 1 मधुमेह के अलावा स्व-प्रतिरक्षा मधुमेह से निपटने में भी सहायक है।

Diabetes treatment : एक नई चिकित्सा की संभावना

यह शोध गुवाहाटी स्थित भारत सरकार के एक संस्थान "विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उन्नत अध्ययन संस्थान" द्वारा किया गया है। इस संस्थान में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आशीष बाला, निदेशक प्रोफेसर आशीष के मुखर्जी और रिसर्च स्कॉलर रतुल चक्रवर्ती के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन ने आईएल-35 के साथ जुड़े जीन और रोग-संबंध का विश्लेषण किया है। इस विश्लेषण में पांच मुख्य रोग-संगत जीन की पहचान की गई है, जो प्रतिरक्षा, सूजन, स्वप्रतिरक्षा, नियोप्लास्टिक और अंतःस्रावी विकारों में भूमिका निभाते हैं।

IL-35 protein की कार्यप्रणाली: कैसे करता है यह काम?

आईएल-35, टी-सेल्स, मैक्रोफेज और बी-सेल्स जैसे महत्वपूर्ण प्रतिरक्षा कोशिकाओं की सक्रियता को नियंत्रित करता है। यह प्रक्रिया टाइप 1 मधुमेह (Type 1 diabetes) के मरीजों में होने वाली सूजन को कम करने और प्रतिरक्षा कोशिकाओं से अग्नाशयी बीटा सेल्स की सुरक्षा करने में सहायक है। आईएल-35, बीटा सेल्स को प्रतिरक्षा कोशिकाओं के हानिकारक प्रभाव से बचाने में भी मदद करता है, जिससे अग्नाशय के कामकाज पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता।

भविष्य की दिशा: और अधिक शोध की आवश्यकता

शोधकर्ताओं का मानना है कि यह खोज मधुमेह (Diabetes treatment) के लिए एक महत्वपूर्ण उपचार का मार्ग खोल सकती है, लेकिन इसे नैदानिक परीक्षणों और विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है। यदि आईएल-35 आधारित चिकित्सा का पूर्ण विकास किया गया, तो इससे विशेष रूप से बच्चों और किशोरों को प्रभावित करने वाले टाइप 1 मधुमेह (Type 1 diabetes) के उपचार में नई क्रांति आ सकती है।

वैश्विक स्तर पर बढ़ती चुनौती

विकासशील देशों में मधुमेह के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, विशेषकर बच्चों और किशोरों में। ऐसे में आईएल-35 जैसे प्रोटीन पर आधारित उपचार समय की मांग है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि यह प्रोटीन नैदानिक परीक्षणों में सफल साबित होता है, तो यह मधुमेह (Diabetes treatment) के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

--आईएएनएस

Updated on:
06 Nov 2024 03:49 pm
Published on:
06 Nov 2024 10:19 am
Also Read
View All

अगली खबर