Punarnava Benefits Kidney : किडनी हमारे शरीर का फिल्टर का काम करती है जो खून से गंदगी और अतिरिक्त तरल बाहर निकालती है। जब यह सही से काम नहीं करती, तो शरीर में हानिकारक तत्व जमा होने लगते हैं। आयुर्वेद में पुनर्नवा जैसी जड़ी-बूटियों को किडनी को डिटॉक्स करने और उसकी कार्यक्षमता बढ़ाने में उपयोगी बताया गया है।
Punarnava Benefits Kidney : किडनी हमारे शरीर का फिल्टर है, जो खून से टॉक्सिंस और अतिरिक्त तरल को बाहर निकालती है, लेकिन जब इसकी फिल्टरेशन क्षमता कम हो जाती है, तो शरीर में यूरिया और अन्य हानिकारक तत्त्व बढ़ने लगते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। आयुर्वेद में कई औषधियां बताई गई हैं, जो किडनी को डिटॉक्स करने, रोगों से बचाने और कार्यक्षमता बढ़ाने में असरदार हैं। सीनियर आयुर्वेदिक डॉक्टर बी.एस शर्मा जे जानते हैं कैसे ये औषधियां किडनी के लिए फायदेमंद हो सकती हैं।
इनसे करें परहेज - मैदा, अरबी, भिंडी, शलजम, उड़द की दाल, राजमा, ब्रेड, जंक फूड, ऑयली फूड से परहेज करें।
डाइट में बदलाव - घीया, परवल, टिंडे, सफेद पेठा, मूंग की दाल, मुनक्का, घी-दूध आदि खाएं। इसमें डाययूरेटिक प्रॉपटीज होती हैं। नियमित ऑयल मसाज भी लाभ देगी।
1 . पुनर्नवा का अर्क: सूजन कम करता है और किडनी को पुन: सक्रिय करता है।
2. गौखरू का चूर्ण: मूत्रमार्ग की सफाई और यूरिन फ्लो को बेहतर बनाता है।
3 . शिलाजीत : शरीर को ताकत देता है और किडनी की कोशिकाओं को मजबूत करता है।
4 . कासनी का अर्क: लिवर और किडनी, दोनों के लिए लाभकारी।
डाययूरेटिक औषधियां - ये पेशाब की मात्रा बढ़ाकर शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकालती हैं और किडनी की यूनिट को पुनर्जीवित करने में मदद करती हैं।
पंचकर्म चिकित्सा - इसमें बस्ती जैसी थैरेपी से टॉक्सिंस निकाले जाते हैं, जिससे किडनी का कार्य सुचारू हो जाता है।
इनके अलावा दशमूल हरीतकी, तृण पंचमूल क्वाथ, कंस हरीतकी आदि का भी सेवन किया जा सकता है। चिकित्सक की सलाह अनुसार इन औषधियों को अर्क या पाउडर रूप में लिया जा सकता है। इन्हें सुबह खाली पेट और रात को सोते समय लेना फायदेमंद है।