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Tulsi Naturally Reduces Cortisol : तनाव को 36% तक घटा सकती है तुलसी, जानें कैसे और कब करें इसका सही इस्तेमाल

Tulsi Naturally Reduces Cortisol : क्या आप जानते हैं सभी के घरों में पाई जाने वाली तुलसी कोर्टिसोल लेवल को 36% तक कम करने की शक्ति रखती है लेकिन तुलसी को सही तरीके से इस्तेमाल करना बेहद जरुरी है। जानिए क्या कहती है नई रिसर्च।

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भारत

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Manoj Vashisth

Aug 17, 2025

Tulsi Naturally Reduces Cortisol

Tulsi Naturally Reduces Cortisol

Tulsi Naturally Reduces Cortisol : नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि तुलसी का अर्क शरीर के तनाव हार्मोन, कोर्टिसोल के स्तर को 36% तक कम कर देता है। 100 वयस्कों पर किए गए आठ हफ्तों के परीक्षण में नींद की गुणवत्ता और ब्लड प्रेशर में सुधार देखा गया जिससे तुलसी की प्राकृतिक तरीके से तनाव को कम करने की क्षमता कप परखा गया।

Tulsi Naturally Reduces Cortisol : तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) को कम करती है तुलसी

तुलसी जिसे आयुर्वेद में जीवन का अमृत कहा जाता है। इस शक्तिशाली तत्व को लंबे समय से शरीर को कई तरह की बीमारियों, खासकर तनाव और असंतुलन से जुड़ी बीमारियों से बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। वैज्ञानिक रूप से ओसीमम टेनुइफ्लोरम के नाम से जाना जाने वाला यह तत्व हाल ही में शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को कम करने की इसकी प्रभावशाली क्षमता के लिए अध्ययन किया गया है जिसे अक्सर "तनाव हार्मोन" कहा जाता है।

पुराने समय से कहा जाता है कि तुलसी शरीर को शांत रखती है। अब साइंस ने भी इसे साबित कर दिया है।
रिसर्च के मुताबिक, तुलसी शरीर में स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) को करीब 36% तक घटा सकती है।
मतलब साफ है – रोजाना तुलसी लेने से तनाव कम करने में मदद मिल सकती है।

कोर्टिसोल क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है? (What is Cortisol)

कोर्टिसोल तनाव के प्रति शरीर की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। अगर कोई सोच रहा है कि तनाव हमारे शरीर को कैसे प्रभावित करता है तो इसका जवाब कोर्टिसोल है। हालांकि ये थोड़े समय की परेशानियों से निपटने में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन बढ़ा हुआ कोर्टिसोल स्तर चिंता, थकान, कमजोर प्रतिरक्षा और खराब नींद जैसी कई घातक स्थितियों से जुड़ा है। हमारे शरीर के पुरे रखरखाव के लिए कोर्टिसोल को कम करने के प्राकृतिक तरीके खोजना जरूरी है।

यह स्टडी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी है। इसमें देखा गया कि पवित्र तुलसी (Ocimum tenuiflorum) के अर्क का असर तनावग्रस्त लोगों की टेंशन, मूड और नींद पर कैसा पड़ता है। यह रिसर्च काफी भरोसेमंद तरीके से हुई थी क्योंकि इसे रैंडमाइज़्ड, डबल-ब्लाइंड और प्लेसीबो-नियंत्रित ट्रायल कहा जाता है।

तुलसी का सही इस्तेमाल

इसमें 18-65 वर्ष की आयु के 100 वयस्कों पर पवित्र तुलसी अर्क के प्रभावों का परीक्षण किया गया। प्रतिभागियों को आठ हफ्तों तक दिन में दो बार या तो एक प्लेसबो या 125 मिलीग्राम तुलसी के अर्क की खुराक दी गई। इस शोध में कोर्टिसोल के स्तर, ब्लड प्रेशर और नींद की गुणवत्ता को मापने के लिए बाल और लार परीक्षणों का इस्तेमाल किया गया। इसका उद्देश्य यह निर्धारित करना था कि यह जड़ी-बूटी तनाव के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया को कैसे प्रभावित करती है।

आठ हफ्तों के कठोर परीक्षण के बाद, अर्क लेने वाले समूह के बालों के कोर्टिसोल के स्तर में उल्लेखनीय रूप से 36% की कमी देखी गई। यह लंबे समय तक तनाव के स्तर में उल्लेखनीय कमी का संकेत था। शोधकर्ताओं ने लार के कोर्टिसोल का भी परीक्षण किया जो भी कम था, जिसका अर्थ है कि प्रतिभागियों के शरीर ने तनाव को अधिक शांति से संभाला। तनाव के बाद ब्लड प्रेशर की रीडिंग भी कम थी। सबसे अच्छी बात यह थी कि नींद में सुधार हुआ। प्रतिभागियों ने एथेंस अनिद्रा पैमाने पर बेहतर नींद की गुणवत्ता की सूचना दी और स्लीप ट्रैकर्स के आंकड़ों ने भी इसकी पुष्टि की।

इसका मतलब है कि जो लोग तुलसी का इस्तेमाल करते हैं उनके लिए यह टेंशन कम करने, मूड बेहतर बनाने और नींद सुधारने में मददगार हो सकती है।
यानी, रोजमर्रा की जिंदगी में तुलसी सिर्फ परंपरा नहीं बल्कि साइंस से भी साबित फायदों वाली चीज है

तुलसी का सुरक्षित उपयोग कैसे करें

यह बहुमूल्य जड़ी-बूटी लगभग हर भारतीय घर में पाई जाती है। लेकिन अगर आप इसे पहली बार आजमा रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप शोध में बताए गए मानक अर्क का ही उपयोग करें। शुरू करने से पहले हमेशा किसी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लें, खासकर अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है। यह अध्ययन तुलसी और अन्य आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बढ़ते प्रमाणों में योगदान देता है।