यात्रा के दौरान बच्चों से लेकर हर यात्री में एक उत्सुकता होती है कि कौन-कौन से रेलवे स्टेशन रास्ते में आते हैं। ऐसे में कोई मजेदार नाम वाला स्टेशन आता है तो निश्चित ही हंसी छूट जाती है।
देश की लाइफ लाइन मानी जाने वाली भारतीय रेलवे में हर दिन करोड़ों लोग यात्रा करते हैं। यात्रा के दौरान बच्चों से लेकर हर यात्री में एक उत्सुकता होती है कि कौन-कौन से रेलवे स्टेशन रास्ते में आते हैं। ऐसे में कोई मजेदार नाम वाला स्टेशन आता है तो निश्चित ही हंसी छूट जाती है। ऐसे ही मजेदार नाम वाले रेलवे स्टेशनों के बारे में आपको बता रहे हैं, जिनका नाम सुनकर आप भी हंसने लगेंगे।
उत्तर प्रदेश की तरफ चित्रकूट जिले में एक छोटा सा रेलवे स्टेशन है, इसका नाम है पनौती। यह स्टेशन करीब सवा दो हजार की आबादी के लिए बनाया गया था। यहां सिर्फ पैसेंजर ट्रेन ही रुकती है।
मजेदार रेलवे स्टेशनों के नामों की श्रंखला में एक नाम भैंसा भी है। तेलंगाना का भैंसा रेलवे स्टेशन निर्मल जिले में है। भैंसा शहर की 50 हजार की आबादी के लिए यह स्टेशन बनाया गया है।
महाराष्ट्र के परभरणी जिले में एक छोटा स्टेशन है। जिसका नाम है पथरी। इस स्टेशन की यात्री इसलिए भी हंसी उड़ाते हैं क्योंकि शरीर में पाए जाने वाली पथरी से इसकी तुलना की जाती है। अमृतसर से देहरादून की ओर जाने वाली पैसेंजर ट्रेनें और एक्सप्रेस ट्रेनों का यहां स्टॉपेज हैं।
झारखंड जिले का यह अजीबोगरीब नाम वाला रेलवे स्टेशन है। इसका नाम दारू इसलिए पड़ा क्योंकि यहां के एक गांव का नाम है।
दक्षिण-मध्य रेलवे के विजयवाड़ा डिवीजन में आने वाला यह रेलवे स्टेशन है। तेलंगाना के भुवानी नगर जिले में स्थित है। इस रेलवे स्टेशन का नाम बीबी नगर है। हालांकि इस स्टेशन के नाम से किसी व्यक्ति का कोई संबंध नहीं है। इस स्टेशन पर सिर्फ पैसेंजर ट्रेनें रुकती हैं।
इस स्टेशन का नाम सुनकर भी हंसी आ जाती है। नाम से लगता है कि यह काफी बड़ा रेलवे स्टेशन होगा। लेकिन, यह राजस्थान के जोधपुर में एक छोटा सा स्टेशन हैं। जहां बहुत ही कम ट्रेनें रुकती हैं।
बाप के बाद नाना रेलवे स्टेशन का नाम सुनकर भी यात्रियों को हंसा छूट जाती है। यह रेलवे स्टेशन राजस्थान के सिरोही पिंडवारा नामक स्थान पर आता है। उदयपुर के सबसे करीब नाना रेलवे स्टेशन है।
बाप और नाना रेलवे स्टेशन के बाद अब साली रेलवे स्टेशन भी चौंकाता है। यह रेलवे स्टेशन भी राजस्थान के जोधपुर जिले में है। अजमेर से 54 किलोमीटर है और उत्तर पश्चिम रेलवे मंडल में आता है। यहां भी कई ट्रेनें रुकती है।
पंजाब जिले के जालंधर में यह मजेदार नाम वाला रेलवे स्टेशन है। इस स्टेशन के बारे में कहा जाता है कि यह स्थान गुरुबचन सिंह नाम के सैनिक के लिए जाना जाता है। इसका संबंध ब्रिटिश काल से है। अंग्रेजों के जमाने में गुरुबचन सिंह को सम्मानित किया गया था।
इस स्टेशन का दीवाना नाम होने के कारण यात्रियों की हंसी छूट जाती है। हरियाणा के पानीपत में स्थित इस रेलवे स्टेशन पर कुछ पैसेंजर ट्रेनें ही रुकती हैं। छोटा स्टेशन होने के कारण यहां मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें नहीं रुकती हैं।
बाब, नाना और साली के बाद अब चाचा भी यात्रियों को खूब हंसाते हैं। ओढ़निया चाचा नाम का यह रेलवे स्टेशन राजस्थान के जोधपुर डिविजन में आता है और उत्तर पश्चिम रेलवे मंडल में है। पोखरण के पास यह स्टेशन है।
इस रेलवे स्टेशन का नाम सुनकर आप भी हंस पड़ेंगे। बिल्ली जंक्शन नाम का यह रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश में है। सोनभद्र जिले का यह बिल्ली जंक्शन काफी छोटा है, लेकिन यहां जंक्शन होने के कारण कई ट्रेनें कुछ रुकती भी हैं।
इन सबके अलावा कई और मजेदार नाम भी हैं, जिसपर यात्री हंस-हंसकर लोटपोट हो जाते हैं। इनमें गांडे/गांदे हैं जो गिरिडीह जिले में है और पारसनाथ यात्रा के दौरान नजर आता है। इसके अलावा कर्नाटक में कुट्टा है, जो प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यह कुर्ग क्षेत्र के पास है। वहीं उत्तर प्रदेश के रामपुर, मुरादाबाद और अमरोहा में सुअर नाम का रेलवे स्टेशन है। वहीं महाराष्ट्र के पुणे में स्थित भोसरी गांव भी भोजपुर के नाम से भी जाना जाता है। भोसरी गांव अपने कलात्मक मूल्य के लिए प्रसिद्ध है। इसके साथ ही सिंगापुर रोड स्टेशन ओडिशा में है। यात्री यहां से गुजरते हैं तो मजे में कहते हैं कि यहां जाने वालों को कभी वीजा नहीं लगता है।