शिक्षा को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल करते हुए हुब्बल्ली प्रवासी समाजसेवी एवं व्यवसायी बीरबल एम. विश्नोई साहू ने बारहवीं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 11 छात्राओं को गोवा की हवाई यात्रा करवाई हैं। ये सभी छात्राएं पहली बार हवाई जहाज से सफर कर रही हैं, जबकि इनमें से 9 छात्राएं रेल यात्रा का भी पहला अनुभव ले रही हैं।
बीरबल विश्नोई इससे पहले भी ऐसी ही पहल कर चुके हैं। पिछले वर्ष भी उन्होंने 11 छात्राओं एवं एक शिक्षिका को गोवा की यात्रा करवाई थी। उनके इस निरंतर प्रयास से स्कूल का परीक्षा परिणाम लगातार 100 फीसदी बना हुआ है। इससे छात्राओं के मन में शिक्षा के प्रति रुचि और आत्मविश्वास दोनों बढ़ा है।
दर्शनीय स्थलों को करीब से देखेंगी
शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन की मिसाल बनते हुए बीरबल विश्नोई ने इस वर्ष भी बारहवीं कक्षा में अच्छे अंक लाने वाली 11 मेधावी छात्राओं को गोवा टूर पर भेजा है। ये छात्राएं पांच दिन तक गोवा में भ्रमण करेंगी और वहां के दर्शनीय स्थलों को करीब से जानेंगी। विश्नोई मूल रूप से राजस्थान के जालोर जिले के चौरा गांव के रहने वाले हैं और उनका कर्नाटक, गोवा एवं राजस्थान में बिनजेस है। विश्नोई अपने व्यवसायिक कार्यों के साथ सामाजिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभा रहे हैं। वे समय-समय पर स्कूल और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में सहयोग प्रदान करते रहते हैं।
जीवन का अविस्मरणीय क्षण
विश्नोई ने इस योजना की घोषणा इस वर्ष 26 जनवरी को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चौरा में की थी, जिसमें उन्होंने वादा किया था कि जो विद्यार्थी बारहवीं कक्षा में श्रेष्ठ अंक प्राप्त करेंगे, उन्हें हवाई यात्रा का अवसर मिलेगा। उन्होंने अपने वादे के अनुसार इन छात्राओं को गोवा यात्रा पर भेजा हैं। यह भी विशेष बात है कि इन 11 में से एक भी छात्रा ने इससे पहले हवाई यात्रा नहीं की थी और 9 छात्राओं ने तो कभी रेल यात्रा भी नहीं की थी। यह अनुभव उनके जीवन का एक अविस्मरणीय क्षण बन गया है।
छात्राओं में उत्साह
यात्रा को लेकर छात्राओं में विशेष उत्साह देखा गया। छात्राओं ने बताया कि यह यात्रा उनके लिए सपने के पूरे होने जैसी है। अब वे और भी मन लगाकर पढ़ाई करेंगी, ताकि भविष्य में और ऊंचाई छू सकें।
ये हैं होनहार बेटियां
बारहवीं की परीक्षा में अव्वल रहने वाली बेटियां हैं हविया कुमारी, खुशबू कंवर, ओमी कुमारी, माया कुमारी, संगीता कुमारी, भावना कुमारी, जोशना कुमारी, रूकमण कुमारी, संगीता कुमारी, सुशीला कुमारी एवं रोशनी कुमारी। अध्यापिका निर्मला भी इनके साथ भ्रमण पर है।
बेटियों में क्षमता की कोई कमी नहीं
राजस्थान के जालोर जिले के चौरा निवासी बीरबल एम. विश्नोई साहू ने कहा, ग्रामीण बेटियों में क्षमता की कोई कमी नहीं होती, केवल उन्हें अवसर और प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। आगे भी ऐसे प्रयास जारी रहेंगे, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढऩे वाली बालिकाओं को प्रोत्साहित किया जा सके।