अमूमन हर बार चित्रदुर्ग मार्केट में मूंगफली के इंपोर्ट में रहने वाली तेजी इस बार गायब है। भारी और बेमौसम बारिश के कारण मूंगफली की पैदावार में कमी के कारण मार्केट में इंपोर्ट भी कम हो गया है। हालांकि कोटे नादल में थोड़ी मात्रा में मूंगफली उगाई जाती थी, लेकिन हर साल बाहर के जिलों और राज्यों से मार्केट में बड़ी मात्रा में मूंगफली इंपोर्ट होती थी।
आंध्र प्रदेश से किसान मूंगफली लाकर बेच रहे
अक्टूबर में शुरू होने वाला इंपोर्ट दिसंबर के आखिर तक चलता रहा। लेकिन, इस बार पूरे राज्य में मूंगफली की पैदावार कम हुई है और मार्केट में मूंगफली की मात्रा कम है। मार्केट पिछले 2 सप्ताह से ही खुलना शुरू हुआ है। हर साल सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को पूरे मार्केट में मूंगफली दिखती थी। लेकिन अब मूंगफली कुछ ही जगहों पर दिख रही है। हालांकि, बल्लारी, विजयनगर और आंध्र प्रदेश से किसान मूंगफली लाकर बेच रहे हैं। कीमत भी ठीक-ठाक है।
बारिश के कारण इस बार पैदावार कम
एक किसान ने बताया, चित्रदुर्ग मार्केट के व्यापारियों के साथ हमारा शुरू से ही अटूट रिश्ता रहा है। इस बार पैदावार कम होने के बावजूद, हम यहां लाकर बेच रहे हैं। बारिश के कारण इस बार पैदावार कम हुई है।
जिले में, ज्यादातर मूंगफली आंध्र के बॉर्डर वाले इलाकों चल्लकेरे और मोलकालमुरु तालुकों में उगाई जाती है। चल्लकेरे और चित्रदुर्ग के मार्केट में जिले के बाहर और आंध्र प्रदेश से भी मूंगफली का ट्रेड हो रहा है। कुरनूल, अनंतपुर, मदकशिरा, रायदुर्ग इलाकों से बड़ी संख्या में किसान चल्लकेरे और चित्रदुर्ग के बाजारों में मूंगफली लाकर बेचते हैं।