MP News: शिव विलास पैलेस के एक प्लॉट की फर्जी रजिस्ट्री पकड़ में आने के बाद कलेक्टर ने जांच बैठाई तो 20 से अधिक ऐसे मामले सामने आए। सभी में एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। फॉरेंसिक जांच की मांग भी होगी, ताकि फर्जीवाड़े का खुलासा हो सके।
MP News: 100 करोड़ से अधिक कीमत वाली जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री तैयार कराने के बाद नगर निगम से नामांतरण करा लिया गया। शिव विलास पैलेस के एक प्लॉट की फर्जी रजिस्ट्री पकड़ में आने के बाद इंदौर कलेक्टर ने जांच बैठाई तो 20 से अधिक ऐसे मामले सामने आए। सभी में एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। फॉरेंसिक जांच की मांग भी होगी, ताकि फर्जीवाड़े का खुलासा हो सके।
हस्तीमल चौकसे ने एक शिकायत की थी कि नगर निगम के जोन 3 में शिव विलास पैलेस के एक प्लॉट का नामांतरण फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर कराया गया है। आरोपियों के खिलाफ एमजी रोड थाने पर एफआइआर दर्ज कराई गई और तत्कालीन रिकॉर्ड रूम प्रभारी मर्दन सिंह रावत को सस्पेंड किया गया। कलेक्टर आशीष सिंह(Indore Collector Ashish Singh) ने जांच के निर्देश दिए। जिला पंजीयक चक्रपाणी मिश्रा के नेतृत्व में पांच सदस्यों वाली समिति का गठन किया गया। समिति ने 20 दस्तावेजों को संदेहास्पद बताया। इन जमीनों(Fake land registration) की कीमत 100 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है। इधर, दो एफआइआर हो चुकी हैं।
दस्तावेजों में छेड़छाड़ की शिकायत के बाद रजिस्ट्रार विभाग सतर्क हो गया। इसके बाद सभी शिकायतों व नकलों की सूची बनाई तो आंकड़ा 29 तक पहुंच गया। सभी दस्तावेजों के रिकॉर्ड की जांच के बाद स्पष्ट हो गया कि 20 प्रकरणों में फर्जीवाड़ा किया गया है।
जांच के दौरान पता चला कि रिकॉर्ड में रखी पुरानी रजिस्ट्री की कॉपी निकालकर हूबहू फर्जी रजिस्ट्री तैयार की जा रही थी। असल रजिस्ट्री में जैसे कागज का इस्तेमाल हो रहा था, वैसे ही कागज का उपयोग किया गया। टाइप राइटर व कम्प्यूटर की प्रिंट भी वैसी रखी गई।तत्कालीन अफसरों से लेकर पक्षकारों के हस्ताक्षर भी वैसे ही थे। फर्जी दस्तावेजों में कई जगह अंगूठे के निशान नहीं पाए गए।
यह जानकारी भी सामने आई है कि रिकॉर्ड शाखा के कर्मचारियों की मदद से सारा खेल हो रहा था। फर्जीवाड़ा करने वाले पुरानी रजिस्ट्री गायब कर उसकी जगह फर्जी रजिस्ट्री रख देते थे। असल मालिक को तब मालूम पड़ा था, जब संपत्ति का राजस्व रिकॉर्ड या नगर निगम में नामांतरण हो गया था। दस्तावेज निकालने पर फर्जीवाड़ा उजागर होता था।
रजिस्ट्री के बाद जमा होने वाले दस्तावेजों में छेड़छाड़ की शिकायत मिली है। इसमें रिकॉर्ड रूम के कर्मचारी भी शामिल हैं। इस संबंध में एफआइआर कराई गई थी। जांच में और गड़बड़ी मिली है। उन्हें भी एफआइआर में जोड़ने के लिए पुलिस को पत्र लिखा है। दोषियों पर कार्रवाई होगी। -आशीष सिंह, कलेक्टर, इंदौर