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EOW ने 50 हजार की रिश्वत में झूठा फंसाया, केमिकल वाले नोट पर जबरन रखवाए हाथ, सनसनीखेज आरोप

MP News: मप्र सहकारिता विभाग राजपत्रित अधिकारी संघ ने आरोप लगाया है कि पांडेय को षड्यंत्र के तहत रिश्वत मामले में फंसाया गया है। घटनास्थल पर पांडेय के हाथ के पिछले हिस्से को जबरन केमिकल वाले नोट पर स्पर्श कराए गए ताकि रंगे हाथ रिश्वत लेने का मामला दर्ज हो सके।

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सागर

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Avantika Pandey

Jul 25, 2025

Joint Registrar Arrest Sagar Bribe

संयुक्त आयुक्त सहकारिता को रिश्वत में झूठा फंसाया (फोटो सोर्स : पत्रिका)

MP News:सागर के सहकारिता विभाग के संयुक्त आयुक्त शिवेंद्र देव पांडेय के रिश्वत वसूलने के प्रकरण में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) सागर पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की गई है। मप्र सहकारिता विभाग राजपत्रित अधिकारी संघ ने आरोप लगाया है कि पांडेय को षड्यंत्र के तहत रिश्वत मामले में फंसाया गया है। घटनास्थल पर पांडेय के हाथ के पिछले हिस्से को जबरन केमिकल वाले नोट पर स्पर्श कराए गए ताकि रंगे हाथ रिश्वत लेने का मामला दर्ज हो सके।

50 हजार रुपए रिश्वत लेने का आरोप

सागर संभाग में पदस्थ पांडेय(Joint Registrar Arrest Bribe) को बुधवार को ईओडब्ल्यू ने दफ्तर में 50 हजार रुपए रिश्वत लेते पकड़ा था। उन पर छतरपुर की पनवारी सहकारी समिति में सेल्समैन की नियुक्ति के एवज में रिश्वत डिमांड करने के आरोप दिग्विजय सिंह ने लगाए थे। ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के दौरान पांडेय की टीम से झड़प भी हुई थी। ईओडब्ल्यू डीएसपी उमा आर्य ने कहा था कि आमतौर पर इस तरह की स्थिति बन जाती है। न्यायालय से पांडेय को जमानत मिल गई है।

सेल्समैन की नियुक्ति उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं

संघ ने अपनी शिकायत में बताया कि शिकायतकर्ता ने पूर्व में सेवा सहकारी समिति पनवारी में सेल्समैन नियुक्ति के लिए आवेदन दिया था, यह उनके अधिकार क्षेत्र का कार्य नहीं रहा। इसलिए पांडेय ने आवेदन संबंधित जिला कार्यालय में भेजने के निर्देश दिए थे। शिकायत कर्ता के आवेदन में संलग्न समिति का प्रस्ताव अहस्ताक्षरित था। इसे समिति ने जारी नहीं किया था। इस संबंध में संघ ने मुख्यमंत्री, सहकारिता मंत्री, अपर मुख्य सचिव (सामान्य प्रशासन), प्रमुख सचिव (सहकारिता), महानिदेशक (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) के साथ ही पंजीयक सहकारी संस्थाएं को ज्ञापन दिया है। इसमें पांडेय को निष्कलंक और ईमानदार छवि का बताते हुए निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है।