इंदौर

Patrika Key Note: समाचार पत्र का निर्भीक होना जरूरी- पूर्व क्रिकेटर अमय खुरासिया

MP News Patrika Key Note Former cricketer Amay Khurasiya: इंदौर के होटल शैरेटन ग्रैंड पैलेस (Hotel Sheraton Grand Palace) में हुए की नोट में ‘नए भारत में स्वतंत्र पत्रकारिता की भूमिका: चुनौती और संभावना’ विषय पर अतिथि वक्ता बनकर पहुंचे पूर्व क्रिकेटर अमय खुरासिया, पत्रकारिता के संकल्प पर की बात...

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May 21, 2025
MP News Patrika Key Note Former Cricketer Amay Khurasiya Indore

MP News Patrika Key Note Former cricketer Amay Khurasiya: पूर्व क्रिकेटर अमय खुरासिया (Former cricketer Amay Khurasiya) ने कहा कि समाचार पत्र शब्दों के संचय से बना हुआ माध्यम है, जो प्रभावशाली रूप में हमारे सामने आता है। समयांतर, विषयांतर और क्षेत्रांतर के बावजूद यह हमारे सामने तल्लीनता से सच प्रस्तुत करता है। कई चुनौतियां इस तल्लीनता को तोड़ने का प्रयास करती हैं और करती रहेंगी।'

बता दें कि खुरासिया पत्रिका की ओर से इंदौर में कार्यक्रमों की शृंखला के तहत आयोजित पत्रिका की-नोट (Patrika Key Note) में बोल रहे थे। होटल शैरेटन ग्रैंड पैलेस (Hotel Sheraton Grand Palace) में हुए की नोट में पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर अमय खुरासिया और लेखिका धरा पांडे ने पत्रकारिता में बदलाव और चुनौतियों के साथ संभावनाओं पर चर्चा की। 

छल-कपट के इस युग में सच बोलना क्रांतिकारी परिवर्तन

पत्रिका 500 रुपए से शुरू हुआ और बाद में आर्थिक तंगी से कुछ दिन प्रकाशन रुक गया, लेकिन अखबार झुका नहीं, टूटा नहीं। पत्रकारिता की यात्रा जारी है। अंतिम छोर पर जिसकी कोई जानकारी नहीं ले रहा है, वहां तक अखबार पहुंचाना लोकतंत्र के लिए बेहद जरूरी है। समाचार पत्र का निर्भीक होना देश और समाज के लिए आवश्यक है। समाचार हर पहलू पर संज्ञान लेता है, चाहे सकारात्मक हो या नकारात्मक हो। छल कपट के इस युग में सच बोलना क्रांतिकारी परिवर्तन है, जो केवल समाचार पत्र ही करते आए हैं।

पत्रकारिता संकल्प है

उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एक संकल्प है। सच को सामने लाने में पत्रकार जोखिम लेता है। लोगों को लगता है कि संघर्ष में काफी लोग साथ होते हैं, लेकिन वह अकेला ही लड़ता है। अनगिनत चुनौतियों का सामना करता है। पत्रकार उस आशा को प्रज्जवलित रखता है, जिसे सबने खो दिया है। देश और समाज के लिए जरूरी है कि अखबार निर्भीक और निष्पक्ष रूप से काम करते रहें।

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समझदार मौन, नासमझ बोलने लगे हैं

खुरासिया ने कहा कि समझदार मौन हो गए और नासमझ बोलने लगे हैं। डिजिटल वर्ल्ड में किस पर विश्वास करें, पता ही नहीं चलता? सही सूचनाओं की जिम्मेदारी समाचार पत्र ही अच्छे से निभाकर बता सकते हैं कि न्यूज और फेक न्यूज क्या है? आज के समय में इसका बहुत अभाव देखते हैं। इसे ठीक करने के लिए हमें जागरुकता लानी होगी।


Updated on:
21 May 2025 03:27 pm
Published on:
21 May 2025 09:46 am
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