Ambedkar Samman Samaroh: एमपी के इंदौर में आंबेडकर सम्मान समारोह के मंच से राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 'कांग्रेस ने आंबेडकर को छोटा बनाया, BJP ने ऊंचा उठाया।'
Ambedkar Samman Samaroh: इंदौर में आयोजित डॉ. भीमराव आंबेडकर सम्मान अभियान कार्यक्रम में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। वसुंधरा ने कहा कि भाजपा ने आंबेडकर को 'ललित' माना जबकि कांग्रेस ने उन्हें केवल 'दलित' समझा। कार्यक्रम में आंबेडकर के विचारों, संघर्षों और कांग्रेस की नीतियों पर खुलकर चर्चा हुई।
रवींद्र नाट्यगृह में आयोजित संगोष्ठी में वसुंधरा राजे ने कहा कि कांग्रेस ने डॉ. भीमराव आंबेडकर को हमेशा उपेक्षित किया और उन्हें सिर्फ दलित नेता के तौर पर देखा, जबकि भाजपा ने उन्हें 'ललित' यानी सुंदर विचारों वाला महान नेता माना। वे केवल एक वर्ग के नहीं बल्कि समस्त गरीबों और वंचितों के नेता थे।
वसुंधरा ने कहा, जब कोई व्यक्ति अलग सोचता है और करता है तो समाज उंगलियां उठाता है। आंबेडकर को महाराजा बड़ौदा ने पढ़ाई का अवसर दिया, जिससे वे महान बने। उन्होंने शिक्षा की अहमियत बताई और कहा कि आज के दौर में टेक्नोलॉजी के साथ कदम से कदम मिलाना जरूरी है।
वसुंधरा ने समाज में हो रहे भेदभाव पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि मंदिरों में प्रवेश से कोई क्यों रोके? क्या भगवान किसी एक जाति का है? उन्होंने कहा कि वे दलित नहीं बल्कि गरीबों की बात कर रही हैं, जिनके भीतर अब आत्मविश्वास आ गया है। इसके अलावा उन्होंने लोगों से आत्मनिर्भर बनने की बात कही। उन्होंने कहा कि मेहनत से ही पहचान मिलती है। बुरा समय हर किसी की जिंदगी में आता है, लेकिन उससे घबराकर हाथ फैलाने की जरूरत नहीं। अच्छे काम करने से पहचान खुद-ब-खुद बन जाती है।
राजे ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव आते ही कांग्रेस दलितों को 'वोट बैंक' समझती है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने आंबेडकर को हराने के लिए मशहूर क्रिकेटर को मैदान में उतारा था। साथ ही यह भी जोड़ा कि सच्चाई बोलने के कारण नेहरू ने उन्हें कैबिनेट से बाहर किया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आंबेडकर के संघर्षपूर्ण जीवन से नेहरू डर गए थे। उन्होंने कहा कि नेहरू नहीं चाहते थे कि आंबेडकर संविधान सभा में आएं। तीन बार उनका नाम टाला गया। यहां तक कि उनके निधन के बाद दिल्ली में अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं दी गई और उनकी पत्नी को विमान का किराया तक भरना पड़ा।
कार्यक्रम में वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य नारायण केसरी व अशोक जाटव का सम्मान किया गया। इस अवसर पर कैलाश विजयवर्गीय, तुलसीराम सिलावट, महेंद्र हार्डिया, रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। आयोजन में भाजपा अजा मोर्चा के दिनेश वर्मा और उनकी टीम ने बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति दर्ज कराई।