Artificial Intelligence: करेगा वाहनों की फिटनेस जांच, RTO में जुगाड़ खत्म, एआई से जुडें रहेंगे कैमरे और मशीनें
Artificial Intelligence: व्यवसायिक वाहनों की फिटनेस में आरटीओ कार्यालय में जुगाड़ की आड़ में चलने वाले खेल को रोकने ऑटोमेटिड टेस्टिंग स्टेशन बनेगा। इसमें आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस के जरिए वाहनों की फिटनेस जांची जाएगी। उसके आधार पर ही प्रमाणपत्र जारी होगा। आरटीओ कार्यालय में व्यवसायिक वाहनों की फिटनेस के लिए नया टेस्टिंग स्टेशन बनाया जा रहा है। वर्तमान में इंदौर और भोपाल में ऐसी व्यवस्था की गई है।
आरटीओ जितेन्द्र रघुवंशी ने बताया कि व्यवसायिक वाहनों की जांच के लिए आरटीओ कार्यालय परिसर में ही एक ट्रैक बनाया जाएगा। इस ट्रैक पर एआई से लैस कैमरे होंगें, तो वहीं कई और मशीनें होंगीं। वाहन इन कैमरों से होकर गुजरेगा, तो उसकी बाहरी फिटनेस का पता चल जाएगा, वहीं जब वाहन ट्रैक में आगे एआई से लैस मशीनों के पास पहुंचेगा, तो उसके भीतर के एक-एक पुर्जे की जांच ऑटोमैटिक हो जाएगी। इसमें किसी भी प्रकार से कोई गलती की गुंजाइश नही रहेगी।
इंदौर और भोपाल में यह स्टेशन शुरू हो गए है। जबलपुर में इस स्टेशन को खोलने के लिए दो से तीन कपनियों ने परिवहन आयुक्त कार्यालय ग्वालियर में आवेदन भी दिया है। इसमें स्टेशन में लगाए जाने वाले उपकरणों का भी पूरा ब्यौरा है। ऐसा माना जा रहा है कि कुछ माह में स्टेशन जबलपुर में भी शुरू हो जाएगा।
कपनी द्वारा बनाए गए वाहनों को दो साल तक फिटनेस कराने की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन कई बार व्यवसायिक वाहनों की चेचिस खरीदने के बाद क्रेता उसे अपने हिसाब से डिजाइन करवाते हैं। जिसके बाद उसका फिटनेस होता है। स्टेशन में ऐसे वाहनों की जांच में परेशानी आ सकती है।
केंद्र सरकार द्वारा सडक़ हादसों की समीक्षा में पाया गया था कि अधिकतर सडक़ हादसे खटारा वाहनों से हुए है। इनमें प्रदूषण का स्तर भी अधिक था। जिसके बाद वर्ष 2018 में यह योजना बनाई गई कि देश में सभी व्यवसायिक वाहनों का फिटनेस टेस्ट मैनुअली की जगह ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों (एटीएस) के जरिए होगा। अप्रेल 2023 से इसे लागू किया गया।