जबलपुर

कार्डियक अरेस्ट द साइलेंट किलर : ईद के कपड़े दिलाने का वादा कर बच्चों को सुलाया और थम गई ‘दिल की धडकऩें’

कार्डियक अरेस्ट द साइलेंट किलर : ईद के कपड़े दिलाने का वादा कर बच्चों को सुलाया और थम गई ‘दिल की धडकऩें’

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Jun 19, 2024
Cardiac arrest

जबलपुर. वे परिवार में अपने बच्चों, पत्नी के साथ खाना खाकर टीवी देखने बैठे थे। तभी बच्चों ने उनसे कहा ईद आ रही है अब्बू, हमें नए कपड़े चाहिए। उन्होंने खुशी खुशी उनकी पसंद पूछी और कपड़े दिलाने के वादे के साथ उन्हें सिर पर हाथ फेरकर सुला दिया। चूंकि जाग रहे थे तो टीवी पर पसंदीदा प्रोग्राम देख रहे थे, तभी उनके हाथ से रिमोट नीचे गिर गया। वे उठाने के लिए नीचे झुके ही थे कि उनकी जिंदगी ने उनसे विदा ले ली। पास बैठी पत्नी कुछ समझ पाती, तब तक उनके शौहर दुनिया को अलविदा कह चुके थे। ये वाक्या हाईकोर्ट में वकालत करने वाले हरदिल अजीज एड. जावेद अर्शी शाह जिन्हें दोस्त शानू के नाम से बुलाते थे उनके साथ हुआ है। जांच में पता चला कि उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ था।

 Cardiac arrest

हाईकोर्ट के अधिवक्ता की मौत ने सभी को हिला दिया, डॉक्टर बोले जिन्हें कोरोना हुआ, वे इसके सबसे
ज्यादा शिकार, समय पर जांच जरूरी

हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का कहना है कि कोविड के बाद से ही ऐसे मामलों की संख्या बढ़ रही है जिनमें स्वस्थ दिख रहे व्यक्ति को अचानक से अटैक आता है और उसकी तुरंत मौत हो जाती है। अब हार्ट की बीमारी एक साइलेंट किलर बनती जा रही है, जो व्यक्ति को संभलने का मौका ही नहीं दे रही है।

मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट
कोरोना वायरस के शिकार हुए की वजह से हार्ट की आर्टरीज में ब्लड क्लॉट हो रहा है। जिससे हार्ट के फंक्शन पर असर पड़ रहा है। कई मामलों में लोगों को अचानक कार्डियक अरेस्ट हो रहा है जो उन्हें संभलने का मौका भी नहीं देता है। ये एक खतरनाक स्थिति होती है, जिसमें अचानक हार्ट काम करना बंद कर देता है और व्यक्ति की पल्स गिरने लगती है, जिससे वो बेहोश हो जाता है। इस हालत में व्यक्ति बमुश्किल ही बच पाता है।

बचाव के उपाय:डिफाइब्रिलेटर: हाई रिस्क वाले लोगों को डॉक्टर डिफाइब्रिलेटर लगाने की सलाह दे सकते हैं, जो अचानक हृदय गति रुकने पर जान बचा सकता है।युवाओं की जांच: टीनएजर्स और 20 साल के युवाओं में हृदय की मांसपेशियों की बीमारी अचानक हृदय गति रुकने का कारण हो सकती है। इसलिए नियमित जांच कराएं।सीपीआर सीखें: अचानक हृदय गति रुकने पर तुरंत सीपीआर देने से जान बचाई जा सकती है। इसलिए सीपीआर का प्रशिक्षण लें।सार्वजनिक स्थानों पर डिफाइब्रिलेटर: सार्वजनिक जगहों पर ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर होने से तेजी से मदद मिल सकती है।नियमित व्यायाम: सही तरीके से किया गया नियमित व्यायाम हृदय के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन हाई इंटेंसिटी वाले ورزش करने वाले खिलाड़ियों को नियमित जांच जरूरी है।
Cardiac arrest

बिना लक्षण के आ रहा अटैक
डॉक्टरों ने बताया अधिकतर मामलों में अचानक बिना लक्षणों के ही कार्डियक अरेस्ट हो रहा है। स्वस्थ दिख रहे व्यक्ति को भी ये शिकार बना रहा है। पिछले दो महीनों में जबलपुर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें अच्छा खासा स्वस्थ युवा भी कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो गया। कोविड के अलावा खानपान का सीधा असर हार्ट पर पड़ रहा है। युवाओं की डाइट में ज्यादा फैट और जंक फूड की वजह से उनमें कोलेस्ट्रॉल बढ़ रहा है। इससे हार्ट की आर्टरी में ब्लॉकेज बनता है और अटैक आ जाता है।

केस 1
संजीवनी नगर निवासी 30 वर्षीय युवती को अचानक सीने में दर्द हुआ, वो या उनके परिजन कुछ समझ पाते इससे पहले ही युवती ने दम तोड़ दिया। अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने कार्डियक अरेस्ट बताया। परिजनों का कहना था कि वह सालों से बीमार नहीं पड़ी और न उसे किसी प्रकार की हार्ट से संबंधित परेशानी थी।

Heart attack in women

केस 2
देवताल निवासी 25 वर्षीय युवक घर पर परिवार वालों के साथ हंस बोल रहा था। तभी अचानक कुर्सी से नीचे गिर गया। परिजनों ने उठाया, लेकिन युवक की मौत हो चुकी थी। इस केस में भी युवक को साइलेंट अटैक को मौत की वजह माना गया। जिसकी डॉक्टरों ने पुष्टि की थी। जबकि युवक हेल्थ को लेकर खेलकूद व अन्य एक्सरसाइज करता रहता था।

केस 3
बरेला निवासी 26 वर्षीय युवक को अचानक सीने में दर्द उठा, परिवार वाले उसे तत्काल शहर के अस्पताल लेकर रवाना हुए ही थे कि उसने कुछ ही मिनटों में दम तोड़ दिया। जिसकी वजह भी यही रही।

नई रिसर्च में खुलासा
ह्रदय रोग विशेषज्ञ एवं पूर्व कुलपति, मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर डॉ. आरएस शर्मा के अनुसार आईसीएमआर की रिसर्च में पता चला है कि जिन लोगों को कोविड हुआ था, खासकर युवाओं को, उनकी बॉडी में नई तरह की ऑटो एम्युनिटी डेवलप हो गई है। इससे खून की नलिकाएं, विशेषकर हार्ट की नलिकाओं में सूजन आ गई है। जिसे वेस्कोलाइटिस कहा जाता है, इससे खून का थक्का जम रहा है इसी वजह से लोगों को हार्ट अटैक आ रहा है।

वहीं, दूसरा कारण हार्ट की मांसपेशियां में सूजन आने से कार्डआइटिस हो रहा है। इससे मांसपेशियां कमजोर हो रही हैं, साथ ही हार्ट फैल जाता है। ऐसे में हार्ट की पंपिंग पॉवर कम हो जाती है। इससे संबंधित व्यक्ति यदि थोड़ी भी मेहनत करता है तो उसे साइलेंट अटैक आ जाता है। इसमें तत्काल मौत की संभावना सबसे ज्यादा रहती है।

ऐसे बचा जा सकता है

  • जिन लोगों को कोविड हुआ है, उन्हें सबसे पहले ईको कॉर्डियोग्राफी जरूर करा लेनी चाहिए। खासकर जिम, खेल, मेहनती काम करने वालों को ये जांच जरूर करानी चाहिए। अन्यथा वे भी इसका शिकार बन सकते हैं।
  • चलने फिरने में सांस फूल रही है, थोड़ा काम करने में थकान लगती है, धडकऩें बढ़ जाती हैं तो वे जरूर हार्ट की जांच कराएं।
  • जांच में यदि समस्या पाई जाती है तो दवाओं से इसे दूर किया जा सकता है। साथ आकस्मिक मृत्यु से बचने का प्रतिशत बढ़ जाता है। कार्डियक अरेस्ट होने की संभावना भी कम हो जाती है।
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