jabalpur school highcourt news मध्यप्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इसकी शुरुआत जबलपुर से हुई जहां फीस वृद्धि और फर्जी पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल करने के मामले में जिला प्रशासन ने जबर्दस्त सख्ती दिखाई।
मध्यप्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इसकी शुरुआत जबलपुर से हुई जहां फीस वृद्धि और फर्जी पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल करने के मामले में जिला प्रशासन ने जबर्दस्त सख्ती दिखाई। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कई स्कूलों के संचालकों, प्राचार्यों आदि के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर उन्हें गिरफ्तार तक करवा दिया था। इसके बाद आधा दर्जन प्राइवेट स्कूल संचालकों ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी लेकिन इससे कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ। जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने सख्ती दिखाते हुए नई स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। याचिका पर अगली सुनवाई अब 13 नवंबर को होगी।
जबलपुर जिला प्रशासन द्वारा मनमानी फीस वसूली और फर्जी पुस्तकों को कोर्स में शामिल किए जाने की जांच में सख्त कार्रवाई न किए जाने की मांग करते हुए प्राइवेट स्कूल प्रबंधन ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष सरकार की ओर से स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई लेकिन युगलपीठ ने रिपोर्ट को असंतोषजनक पाया। इसके बाद कोर्ट ने नई स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।
जबलपुर के रॉयल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लिटिल किंगडम, स्मॉल वंडर्स, नचिकेता हायर सेकेंडरी स्कूल, स्टेम फील्ड इंटरनेशनल आदि स्कूलों के प्रबंधन ने यह याचिका लगाई है। याचिका में कहा गया है कि मनमानी फीस वृद्धि और कोर्स में फर्जी पुस्तकों चलाने के मामले की जांच जबलपुर जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। सभी स्कूल जांच में सहयोग करने को तैयार है। पूर्व में कई स्कूल संचालकों, प्राचार्यों के खिलाफ मामले दर्ज कर गिरफ्तार किया जा चुका है। ऐसे में याचिकाकर्ताओं ने उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की आशंका जताते हुए राहत मांगी थी।
कोर्ट ने याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के दौरान आरोपी स्कूल संचालकों और स्टाफ के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई न करने के आदेश दे दिए थे। याचिकाकर्ताओं से जिला समिति की जांच में पूरा सहयोग करने और अपेक्षित दस्तावेज पेश करने को कहा था। इसके साथ ही कोर्ट ने जिला प्रशासन से कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट भी तलब की थी। प्रशासन ने स्टेटस रिपोर्ट पेश तो की पर कोर्ट ने इसे संतोषजनक न पाते हुए नई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं।