CG News: बघेल ने कहा कि उनका विधानसभा क्षेत्र ओडिशा सीमा से लगा है, जहां से भारी मात्रा में धान लाया गया, लेकिन प्रशासन ने सही कार्रवाई नहीं की।
CG News: बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल ने विधानसभा में धान खरीदी घोटाले को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि राज्य सरकार के संरक्षण में अवैध धान खरीदी हुई है। बघेल ने कहा कि इस साल बस्तर में कम वर्षा हुई, फिर भी उत्पादन ज्यादा दिखाया गया। आखिर कैसे? अवैध रूप से परिवहन किए गए धान की इतनी बड़ी मात्रा में जब्ती हुई, यह सरकार की नाकामी दर्शाती है।
हमारे यहां प्रति एकड़ 21 क्विंटल उत्पादन दिखाया जा रहा है, फिर बाहर से धान आने की जरूरत क्यों पड़ी? धान जप्ती को लेकर विधायक ने सवाल किया कि यह धान घर से जप्त किया गया या परिवहन के दौरान पकड़ा गया? जवाब में खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि 7117.67 क्विंटल धान कोचियों के पास से पकड़ा गया, जो अवैध परिवहन कर रहे थे।
इन पर कार्रवाई की गई और मंडी अधिनियम के तहत जांच की जा रही है। विधायक बघेल ने प्रतिप्रश्न करते हुए पूछा कि धान जब्ती पर लगाए जाने वाले अर्थदंड का कोई स्पष्ट मापदंड है या नहीं? सरकार ने अलग-अलग मात्रा पर अलग-अलग राशि वसूली, जिसकी कोई ठोस नीति नहीं दिखती। जवाब में मंत्री ने बताया कि 156 प्रकरणों में 61 का निराकरण हो चुका है, शेष 95 मामलों पर जल्द निर्णय लिया जाएगा।
बघेल ने कहा कि उनका विधानसभा क्षेत्र ओडिशा सीमा से लगा है, जहां से भारी मात्रा में धान लाया गया, लेकिन प्रशासन ने सही कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा मंडी से 50 प्रतिशत धान लेप्स में गया, जबकि उत्पादन ही नहीं हुआ, तो यह धान कहां से आया? विधायक बघेल ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि एक किसान के पास पांच एकड़ जमीन थी, लेकिन उसके पास 1200 क्विंटल धान मिला।
प्रशासन ने जब्ती की, लेकिन किसान ने सारा धान लेप्स में ट्रांसफर कर दिया। फिर भी प्रशासन इसे मंडी अधिनियम 1972 के तहत प्रक्रियाधीन मामला बता रहा है। उन्होंने सवाल किया कि जब एसडीएम खुद मामलों को नजरअंदाज कर रहे हैं, तो सरकार क्या कदम उठाएगी? उन्होंने मंत्री से साफ पूछा कि क्या गैर-जिम्मेदार एसडीएम पर कार्रवाई होगी?
CG News: विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा कि यह स्पष्ट है कि धान खरीदी में घोटाला हुआ है और सरकार के संरक्षण में अवैध खरीद हुई है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में अनावरी रिपोर्ट के आधार पर प्रति एकड़ 12 क्विंटल उत्पादन बताया गया था, फिर यह अचानक 21 क्विंटल कैसे हो गया? यह सरकार की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। उन्होंने सरकार से अवैध धान खरीदी की निष्पक्ष जांच कराने और दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।