Akshaya Tritiya 2024: बद्रीनाथ मंदिर में भगवान की काले रंग की पाषाण प्रतिमा स्थापित है। मंदिर का निर्माण चार सौ साल पहले संत माधोदास वैरागी ने कराया था।
Akshaya Tritiya 2024: कहते हैं भगवान बद्रीनाथ के दर्शन मात्र से ही भक्तों की जीवन नैया पार लग जाती है। उत्तराखंड में स्थित भगवान बद्रीनाथ के कपाट भले ही आखातीज से छह महीने के लिए खुलते हो, लेकिन जयपुर के आमेर रोड, डूंगरी स्थित बद्रीनारायणजी मंदिर के पट दर्शनों के लिए सालभर खुलते हैं। यहां सुबह-शाम मंदिर में आरती होती है। खास बात यह है कि आखातीज पर मंदिर से जोरासिंह गेट तक लक्खी मेला भरता है। भगवान बद्रीनाथ को दाल, ककड़ी व मिश्री का भोग लगाया जाता है।
मंदिर महंत बचन दास ने बताया कि गुरुवार रात्रि को जागरण, संकीर्तन होगा। प्रबंधक अमर गुप्ता ने बताया कि अक्षय तृतीया के मौके पर शुक्रवार को बद्रीनारायण मंदिर में लक्खी मेला भरेगा। सुबह 5:30 बजे फूल-बंगले की झांकी सजेगी। पुजारी जयदास ब्रह्मचारी ने बताया कि दिनभर अनेक झांकियां सजेंगी। बद्रीनाथ मंदिर में भगवान की काले रंग की पाषाण प्रतिमा स्थापित है। मंदिर का निर्माण चार सौ साल पहले संत माधोदास वैरागी ने कराया था। उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम की यात्रा कठिन होने से कई भक्त चाहकर भी आखातीज को नहीं जा पाते, इसलिए वह यहां दर्शन कर सकते हैं।