
जयपुर. अमृत मिशन-2 के तहत जयसिंहपुरा खोर और आमेर क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाने का काम बीच में ही रुक गया है। इस कारण करीब डेढ़ लाख की आबादी को सीवर लाइन सुविधा के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। यहां सीवरेज नेटवर्क शुरू करने से पहले पम्पिंग स्टेशन बनने आवश्यक हैं, लेकिन नगर निगम को अभी तक उसके लिए जमीन ही उपलब्ध नहीं हुई है। जमीन मिलने के बाद ही कॉलोनियों में सीवर लाइन डालने का काम सुचारू रूप से आगे बढ़ पाएगा।
अमृत मिशन के तहत हवामहल—आमेर जोन के वार्ड संख्या 1 से 4, 13 व 14 में 348 किलोमीटर नई सीवरेज लाइन डालने की योजना है। अब तक केवल लगभग 140 किलोमीटर लाइन ही बिछाई जा सकी है। क्षेत्र की कई कॉलोनियां निचले हिस्सों में, जबकि कुछ ऊंचाई पर बसी होने के कारण सीवरेज को मुख्य लाइन तक पहुंचाने के लिए 7 पम्पिंग स्टेशन प्रस्तावित हैं। इनमें से 4 स्टेशनों के लिए जमीन मिल चुकी है और वहां काम भी शुरू हो गया है, जबकि शेष 3 स्टेशनों के लिए जेडीए से जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई है।
अब दिसंबर 2026 तक का लक्ष्य
यह परियोजना अक्टूबर 2023 में शुरू हुई थी और इसे 5 अक्टूबर 2025 तक पूरा किया जाना था, लेकिन अब तक 25 प्रतिशत काम भी पूर्ण नहीं हो सका। नगर निगम प्रशासन ने नया लक्ष्य दिसंबर 2026 तय किया है, हालांकि 75 प्रतिशत शेष कार्य एक वर्ष में पूरा हो पाएगा, इसकी संभावना कम बताई जा रही है। मानसून की बारिश के तीन माह तक कार्य रुकने की स्थिति भी समय सीमा को प्रभावित करेगी।
8 से 10 इंच की लाइन बिछ रही
जयसिंहपुरा खोर और आमेर क्षेत्र में 200 एमएम से 1000 एमएम तक की सीवर लाइन डाली जा रही है। गलियों में 200 से 250 एमएम यानी 8 से 10 इंच की पाइप लाइन बिछाई जा रही है, जबकि मुख्य लाइन 1000 एमएम की है।
ईको-सेंसिटिव जोन की चुनौती
नगर निगम अधिकारियों के अनुसार संबंधित वार्डों के कुछ हिस्से ईको-सेंसिटिव जोन में आते हैं। इस कारण पम्पिंग स्टेशनों के लिए उपयुक्त जमीन तलाशने में विशेष कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। परियोजना की धीमी गति के संबंध में पत्रिका ने नगर निगम के अधीक्षण अभियंता चरण सिंह मीना से संपर्क करना चाहा, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
Published on:
19 Dec 2025 12:10 pm
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