Chief Minister's Jan Awas Yojana : राजस्थान की वर्तमान भजनलाल सरकार पूर्व गहलोत सरकार की बड़ी योजना में बदलाव की तैयारी में है। सरकार का कहना है कि वास्तविक जरूरतमंदों को प्लॉट-फ्लैट नहीं मिलने की शिकायतें दिन-प्रतिदिन आ रही हैं जिस वजह से अब मुख्यमंत्री जन आवास योजना में बड़े बदलाव हो सकते हैं।
जयपुर. राज्य सरकार मुख्यमंत्री जन आवास योजना की नीति में बदलाव करने जा रही है। संशोधित नीति में सुनिश्चित किया जाएगा कि योजना के तहत बनने वाले सस्ते फ्लैट-प्लॉट निर्धारित ईडब्ल्यूएस व एलआईजी श्रेणी के लोगों को ही मिलें। ऐसे प्लॉट-फ्लैट का आवंटन का अधिकार भी सरकार बिल्डर-डवलपर्स से वापिस निकायों को देने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि बिल्डर-डवलपर्स योजना के तहत कई लाभ तो ले लेते हैं, लेकिन वास्तविक लाभार्थी को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। प्रदेश में ऐसे कुछ बिल्डर, डवलपर्स हैं, जो नीति के विपरीत काम कर रहे हैं। ऐसे में कई तरह की बदलाव किए जा रहे हैं। इस संबंध में अगले सप्ताह गठित कमेटी की बैठक भी होगी।
अभी बिल्डर-डवलपर अपने स्तर पर ही लॉटरी के जरिए आवंटन कर रहे हैं। सरकार ने यह अधिकार उन्हें दिए हुए हैं। लेकिन कई शिकायतें आई और जांच में सामने आया कुछ आवासीय योजनाओं में वास्तविक जरूरतमंदों की बजाय अपने चहेतों को सस्ते प्लॉट-फ्लैट दे दिए गए।
मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत सरकारी भूमि पर भी मकान-फ्लैट बनाने का काम बिल्डर को दिया गया। इसके अलावा उन्हें स्वयं की योजना में भी निर्धारित हिस्सा ईडब्ल्यूएस व एलआईजी वर्ग के लिए छोड़ना होता है। ऐसे आवास को बेचने की राशि तय कर रखी है, जो प्रति वर्गफुट में है। इनहें भू रूपांतरण शुल्क, भू उपयोग परिवर्तन शुल्क और भवन मानचित्र अनुमोदन शुल्क समेत विभिन्न प्रकार की छूट दी जा रही है।
-आबादी क्षेत्र से दूर होने से मूलभूत सुविधाओं का अभाव रहता है।
-वहां से नौकरी, व्यवसाय स्थल तक आने-जाने के लिए सुगम परिवहन साधन नहीं या कम।
-खुद के वाहन से आवागमन के कारण पेट्रोल-डीजल का ज्यादा खर्चा।
-बसावट नहीं होने से असुरक्षित माहौल।
-अच्छा अस्पताल, बच्चों के लिए स्कूल आस-पास नहीं।
(नगर नियोजन से जुड़े अधिकारी ऐसी योजनाओं को सुविधाओं से कनेक्ट करने की जरूरत बता चुके हैं )
ईडब्ल्यूएस- 320 वर्गफीट कापरेट एरिया व 425 वर्गफीट सुपर बिल्टअप एरिया
एलआईजी- 350 वर्गफीट कापरेट एरिया व 550 वर्गफीट सुपर बिल्टअप एरिया
(इस प्रावधान में भूतल सहित 4 मंजिला इमारत का निर्माण किया जाता है)