जयपुर

Cyber Scam: फर्जी वेबसाइट बनाकर खेल पुरस्कार के नाम पर साइबर ठगी, उत्तराखंड और यूपी में मामला दर्ज

Sports Awards Fraud: पर्दाफाश: पत्रिका की खबर के बाद सक्रिय हुई साइबर टीमें

3 min read
Jul 27, 2025
Photo: Patrika Network

मोहित शर्मा.

जयपुर. साइबर ठग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के नाम पर फर्जी वेबसाइट के जरिए लाखों रुपए ठग रहे हैं। यहीं नहीं, पुरस्कारों की निर्णायक चयन समिति में उत्तराखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, सुप्रीम कोर्ट और हाईकार्ट के न्यायाधीश, सांसद, विधायक, आईएएस, आईपीएस व अन्य प्रमुख खेल हस्तियों को नाम और फोटो के साथ वेबसाइट पर दिखाया गया है। वेबसाइट के अनुसार, खेल पुरस्कार 2025 का आयोजन 28 अगस्त 2025 को दिल्ली में और अंतर्राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2025 मुंबई के ताज पैलेस होटल में दिए जाएंगे। दावे में कहा गया है कि केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया विजेताओं को पुरस्कृत करेेगे।

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देहरादून और लखनऊ में मामला दर्ज

राजस्थान पत्रिका को जब आशंका हुई तो तथ्यों की जांच और पड़ताल के बाद 24 जुलाई को खबर राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2025 के नाम पर ठगी! प्रकाशित की। खबर को संबंधित विभागों और संस्थाओं को टैग कर यूपी और उत्तराखंड के राज्यपाल कार्यालय से संपर्क किया। इसके बाद उत्तराखंड और यूपी का राजभवन सक्रिय हुआ और आरोपी के खिलाफ देहरादून और लखनऊ साइबर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। यूपी में भी राजभवन के आदेश पर साइबर सेल पूरे मामले की जांच कर रहा है। पत्रिका के पास आरोपी और सभी लोगों से बातचीत के सबूत हैं।

पत्रिका में समाचार प्रकाशित होने के बाद उत्तराखंड गवर्नर कार्यालय और साइबर पुलिस सेल ने पत्रिका को बताया कि अज्ञात साइट चलाने वाले व्यक्ति और ब्राउजर चलाने वाले के खिलाफ देहरादून साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। साथ ही वेबसाइट को ब्लॉक करने का आदेश संबंधित विभाग को दियाा गया है।

पीआईबी ने भी वेबसाइट को बताया फेक

केंद्र सरकार और प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने इस वेबसाइट ( indiansportsaward.org ) को फर्जी बताते हुए लोगों को सावधान रहने की चेतावनी दी है। फर्जी वेबसाााइट को भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय से संबद्ध होने का दावा किया जा रहा है। साइट पर विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2025 के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं, जिनका पंजीकरण शुल्क 51 हजार से साढ़े तीन लाख रुपए तक है। पंजीकरण शुल्क भी क्यूआर कोड के जिरए लिया जा रहा है।

केंद्र सरकार की चेतावनी

केंद्र सरकार ने लोगों से ऐसी फर्जी वेबसाइटों और योजनाओं से सावधान रहने की अपील की है। पीआईबी ने स्पष्ट किया कि युवा मामले और खेल मंत्रालय ऐसी किसी योजना से जुड़ा नहीं है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी संदिग्ध वेबसाइट पर व्यक्तिगत जानकारी या धनराशि साझा करने से पहले सरकारी पोर्टल्स पर जानकारी सत्यापित करें।

चेेतावनी के बाद भी लापरवाही

पीआईबी की चेतावनी के बाद भी देश की संवैधानिक संस्थओं के कर्मचारी सक्रिय हुए न ही राज्यों की साइबर सेल को जानकारी थी। पत्रिका के रिपोर्टर ने सबंधित लोगों को फोन और संदेश भेजकर अवगत कराया तक साइबर सेल सक्रिय हुईं। बातचीत में कई जिम्मेदार केंद्र सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) से तक अनभिज्ञ मिले।

साइबर सेल को भी नहीं थी जानकारी

फर्जी वेबसाइट पर तमाम नामचीन लोगों की फोटो और नाम होने के बाद भी साइबर सेल को इसकी जानकारी नहीं थी। पत्रिका में समाचार प्रकाशित होने के बाद साइबर सेल के संज्ञान में मामला आया है।

पत्रिका ने दी जानकारी

पत्रिका ने गवर्नर यूपी, गवर्नर उत्तराखंड, साइबर प्रयागराज, उत्तराखंड पुलिस, यूपी पुलिस, राजस्थान पुलिस, साइबर दोस्त और पीआईबी फैक्ट चैक को अपने समाचार के साथ एक्स अकाउंट पर टैंग किया, उसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ। गौरतलब है कि पत्रिका पहले भी इस तरह के मामलों को सार्वजनिक करता रहा है।

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Published on:
27 Jul 2025 02:50 pm
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