GST portal investigation: आयरन स्क्रैप कारोबार की आड़ में करोड़ों की ठगी, वाणिज्यिक कर विभाग की कार्रवाई वाणिज्यिक कर विभाग की बड़ी कार्रवाई, 9.59 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी।
Rajasthan commercial tax: जयपुर। राज्य कर विभाग ने एक बार फिर बोगस फर्मों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए जीएसटी चोरी के संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। विभाग की प्रवर्तन शाखा प्रथम ने जयपुर स्थित विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल एरिया में आयरन एवं स्क्रैप का कागजी कारोबार करने वाली दो फर्मों बाबा मैटल्स और खण्डेलवाल एंटरप्राइजेज पर एक साथ सर्च और सर्वे की कार्रवाई की। इस दौरान सामने आया कि दोनों फर्मों के माध्यम से करीब 53.27 करोड़ रुपए की फर्जी खरीद दिखाई गई, जिसके चलते 9.59 करोड़ रुपए की राजस्व हानि हुई।
मुख्य आयुक्त कुमार पाल गौतम ने बताया कि कार्रवाई से पहले विभाग ने जीएसटी पोर्टल पर दोनों फर्मों के आंकड़ों का गहन विश्लेषण किया और गुप्त सूत्रों से सूचनाएं जुटाईं। जांच में स्पष्ट हुआ कि इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड महेन्द्र खण्डेलवाल है, जिसने सुनियोजित तरीके से दिल्ली, उत्तरप्रदेश और आगरा स्थित बोगस फर्मों से फर्जी बिल खरीदे और आईटीसी (आगत कर) का अनुचित लाभ लेकर राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया।
ई-वे बिलों की जांच में भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जिन वाहनों के नंबर बिलों में दर्ज थे, उनका कभी भी फर्मों के व्यवसाय स्थल या गोदाम पर आगमन नहीं पाया गया। कई वाहनों का संचालन राज्य से बाहर पाया गया। यानी माल की वास्तविक आपूर्ति हुए बिना ही फर्जी ई-वे बिल और चालान तैयार कर कागजी लेनदेन के माध्यम से कर चोरी की गई।
सर्च कार्रवाई के बाद महेन्द्र खण्डेलवाल भूमिगत हो गया। उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया और लगातार ठिकाने बदलता रहा। विभाग द्वारा कई बार सम्मन जारी करने के बावजूद वह पेश नहीं हुआ। इसके बाद प्रवर्तन शाखा की विशेष टीम गठित की गई, जिसने संदिग्ध ठिकानों और रिश्तेदारों के घरों पर लगातार निगरानी रखी। टीम के कुछ सदस्य बोगस ग्राहक बनकर आयरन स्क्रैप कारोबारियों से संपर्क में रहे। अंतत: गुप्त सूचना पर टीम ने सामाजिक कार्यक्रम में कैटरिंग वाले का भेष धरकर अभियुक्त को दबोच लिया।
राजस्व चोरी के आरोप में महेन्द्र खण्डेलवाल को आरजीएसटी/सीजीएसटी एक्ट 2017 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर आर्थिक अपराध न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे 29 सितंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। विभाग ने बताया कि पूरे प्रकरण की गहन जांच की जा रही है और इसमें शामिल अन्य सहयोगियों की भूमिका भी खंगाली जा रही है।