जयपुर

Jaipur News: राजधानी जयपुर को मिली बड़ी सौगात, करोड़ों की लागत से बनेंगे 2 पार्क; जानें कहां?

Jaipur News: पार्क के चारों ओर द्रव्यवती नदी की खूबसूरती का एहसास होगा। यहां पशु-पक्षियों के लिए वाटर बॉडी भी विकसित की जाएगी, साथ ही बर्ड वॉचिंग की व्यवस्था की जाएगी।

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Oct 06, 2024
प्रतीकात्मक तस्वीर

जयपुर। राजधानी जयपुर को नए वर्ष में दो नए पार्कों की सौगात मिलने जा रही है। जीरोता में, जेडीए 17.80 हेक्टेयर भूमि पर नगर वन विकसित करेगा। इसके अलावा, नेवटा के पास बॉयोडायवर्सिटी पार्क 22.21 हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा।

कार्य की शुरुआत

माना जा रहा है कि जनवरी में काम शुरू हो सकेगा। सिविल वर्क के साथ-साथ उद्यान शाखा भी इस परियोजना पर कार्य करेगी। दोनों पार्क के विकसित होने से लगभग पांच लाख की आबादी लाभान्वित होगी और भविष्य में यह संख्या 15 लाख से अधिक हो सकती है।

पार्क की सुविधाएं

इन दोनों पार्कों में जेडीए वॉकिंग और जॉगिंग ट्रैक बनाएगा, साथ ही लोगों के लिए मूलभूत सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
द्रव्यवती नदी के किनारे नगर वन जयसिंहपुरा बास, महल रोड स्थित जीरोता में, जेडीए नगर वन विकसित करेगा। इस पर 5.20 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

द्रव्यवती नदी के किनारे स्थित खाली भूमि पर इसे विकसित किया जाएगा। यहां पहले से मौजूद पेड़-पौधों का संरक्षण किया जाएगा और अन्य शहरों तथा राज्यों से सौंदर्यीकरण के लिए पौधे मंगवाए जाएंगे। पार्क के चारों ओर द्रव्यवती नदी की खूबसूरती का एहसास होगा। यहां पशु-पक्षियों के लिए वाटर बॉडी भी विकसित की जाएगी, साथ ही बर्ड वॉचिंग की व्यवस्था की जाएगी।


हरित क्षेत्र को बढ़ावा

नेवटा बांध के पास रिंग रोड के दूसरी ओर, जेडीए बॉयोडायवर्सिटी पार्क विकसित करेगा। यहां हरित क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा और पक्षियों के लिए आशियाना तैयार किया जाएगा। जेडीए अधिकारियों का मानना है कि यहां प्रवासी पक्षी बड़ी संख्या में आते हैं और उनके अनुकूल माहौल बनाया जाएगा। जेडीए इसे तीन चरणों में विकसित करेगा। 22.21 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस पार्क के पहले चरण में 10.80, द्वितीय चरण में 4.9 और तृतीय चरण में 6.4 हेक्टेयर क्षेत्र का विकास किया जाएगा।

नगर वन और बायोडायवर्सिटी पार्क में अंतर

जल्द शुरू होंगे कार्य

आगामी वर्ष में दो बड़े पार्कों की सौगात मिलेगी। इनकी टेंडर प्रक्रिया चल रही है। पहले सिविल वर्क का कार्य किया जाएगा, जिसमें बाउंड्रीवाल और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। ट्रैक भी बनाया जाएगा, इसके बाद उद्यानिकी के कार्य होंगे। -नरेंद्र सिंह शेखावत, वरिष्ठ उद्यानविज्ञ

Updated on:
06 Oct 2024 09:27 am
Published on:
06 Oct 2024 09:14 am
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