जयपुर

Myhealth:पानी की हर बूंद बन रही सजा, महिला में दुर्लभ बीमारी एक्वाजेनिक अर्टिकारिया के लक्षण

जयपुर के एक निजी अस्पताल में 45 वर्षीय महिला में एक्वाजेनिक अर्टिकारिया नामक एक दुर्लभ त्वचा रोग का मामला सामने आया है।

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May 29, 2025
दुर्लभ त्वचा रोग एक्वाजेनिक अर्टिकारिया,पत्रिका फोटो

जीवन के लिए पानी अति महत्वपूर्ण है लेकिन जयपुर में एक महिला को सिर्फ पानी से एलर्जी होने का मामला सामने आया है। इस बीमारी में व्यक्ति के शरीर पर पानी के संपर्क में आते ही लाल चकत्ते और खुजली होने लगती है। महिला पिछले दो महीने से ठंडे और गर्म दोनों ही प्रकार के पानी के संपर्क में आने पर परेशान हो रही थी। स्नान करने, हाथ धोने या किसी भी जलसंपर्क वाले काम के कुछ मिनटों के भीतर ही शरीर पर जलन और खुजली वाले दाने उभर आते थे।

‘वॉटर चैलेंज टेस्ट’

सवाई मानसिंह अस्पताल के पूर्व त्वचा रोग विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश माथुर ने बताया कि महिला की जांच वॉटर चैलेंज टेस्ट के ज़रिए की गई। परीक्षण के दौरान जब सामान्य तापमान वाला पानी महिला के हाथ और पेट पर डाला गया, तो कुछ ही मिनटों में वहां लाल धब्बे और खुजली नजर आने लगी। इससे विशेषज्ञों ने पुष्टि की कि यह मामला एक्वाजेनिक अर्टिकारिया का है। डॉ. माथुर ने बताया कि यह बीमारी दुनियाभर में अब तक केवल कुछ दर्जन मामलों में ही सामने आई है।

क्या है एक्वाजेनिक अर्टिकारिया?

एक्वाजेनिक अर्टिकारिया एक अत्यंत दुर्लभ एलर्जी जैसी स्थिति है, जिसमें शरीर की त्वचा पानी के संपर्क में आने पर प्रतिक्रिया करती है। वैज्ञानिक अभी तक इसका सटीक कारण नहीं जान पाए हैं, लेकिन माना जाता है कि पानी त्वचा में मौजूद कुछ तत्वों के साथ प्रतिक्रिया करता है, जिससे हिस्टामिन नामक रसायन निकलता है, जो चकत्ते और खुजली का कारण बनता है।

बचाव और उपचार

इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सही पहचान से भविष्य में और पीड़ितों की मदद की जा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी को पानी के संपर्क में आने के बाद लगातार खुजली और चकत्ते हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज फिलहाल मौजूद नहीं है, लेकिन एंटीहिस्टामिन दवाएं इससे राहत दिला सकती हैं। विशेषज्ञ मरीजों को पानी के सीधे संपर्क से बचने, स्नान से पहले तेल या क्रीम का प्रयोग करने की सलाह देते हैं। कुछ मामलों में जरूरत पड़ने पर बायोलॉजिकल थैरेपी (जैसे ओमालिजुमैब) का सहारा लिया जा सकता है।

Updated on:
29 May 2025 08:28 am
Published on:
29 May 2025 08:06 am
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