घरों तक पाइपलाइन से पहुंचाने के लिए पांच साल की कार्य योजना बनेगी। इस साल 1 लाख 25 हजार घरों को डीपीएनजी कनेक्शन देने और 89 नए सीएनजी स्टेशन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
राजस्थान में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए डोमेस्टिक पाइप्ड नेचुरल गैस (डीपीएनजी) व कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) घरों तक पाइपलाइन से पहुंचाने के लिए पांच साल की कार्य योजना बनेगी।
इस साल 1 लाख 25 हजार घरों को डीपीएनजी कनेक्शन देने और 89 नए सीएनजी स्टेशन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) का काम कर रहीं 13 कंपनियों के प्रतिनिधियों की मंगलवार को सचिवालय में प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने बैठक ली। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने और प्रोत्साहन के लिए सीजीडी नीति जारी की जा चुकी है। इसमें सीजीडी संस्थाओं को अनुमति जारी करने के प्रावधानों के साथ ही जिला स्तर की समस्याओं के समाधान व बेहतर तालमेल के लिए जिला स्तरीय कमेटी भी बनाई गई है। पोर्टल से ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी।
ये भी पढ़ें
शहरी गैस वितरण कंपनी प्रतिनिधियों को सीएनजी-पीएनजी परिवहन वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त व गैस लीक होने से होने वाली घटनाओं को लेकर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वाहनों की फिटनेस, वाहन चालकों के प्रशिक्षण, वाहनों में जीपीएस, कैमरा व वाहनों के ट्रेकिंग सिस्टम सहित सभी जरूरी व्यवस्थाओं के साथ ही अग्निशमन यंत्रों, उनकी वैधता और उनके उपयोग के संबंध में चालकों को जानकारी दी जाए। बैठक में पेट्रोलियम निदेशक अजय शर्मा, राजस्थान स्टेट गैस के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह के अलावा शहरी गैस वितरण कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।