बीसलपुर बांध का जलस्तर अपनी पूर्ण भराव क्षमता के बेहद करीब पहुंच चुका है। लोगों को गेट खुलने का इंतजार है। बांध में पानी की आवक बढ़ते ही गेट खोल दिए जाएंगे।
जयपुर। जयपुर, अजमेर और टोंक की प्यास बुझाने वाला बीसलपुर बांध अपनी पूर्ण भराव क्षमता के बेहद करीब पहुंच चुका है। बुधवार को बांध का जलस्तर 315.44 आरएल मीटर दर्ज किया गया, जो अधिकतम भराव स्तर से बस कुछ ही सेंटीमीटर दूर है।
बीसलपुर बांध में पानी की आवक बढ़ते ही गेट खोल दिए जाएंगे। ऐसे में पहली बार बीसलपुर बांध के गेट जुलाई माह में खोले जाएंगे जो कि एक रेकॉर्ड होगा। लोगों को भी अब गेट खुलने का इंतजार है, क्योंकि हर साल की तरह इस बार भी पानी का यह नजारा देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग बीसलपुर पहुंच सकते हैं। उधर, डाई नदी में लसाड़िया बांध के ओवरफ्लो होने के कारण लगातार बहाव जारी है।
गत 20 जुलाई को बनास नदी के निचले क्षेत्र में बसे 54 गांव के लिए अलर्ट जारी किया गया था, लेकिन तीनों प्रमुख नदियों बनास, डाई और खारी से आवक कमजोर पड़ने के कारण गेट नहीं खोले जा सके।
बांध के कंट्रोल रूम से प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार करीब 4 बजे तक बांध का गेज 315.44 आर एल मीटर दर्ज किया गया। बांध का पूर्ण जलभराव 315.50 आर एल मीटर है।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गेट खोलने का फैसला राज्य सरकार के स्तर पर होगा। अगर गेट खोले जाते हैं तो बीसलपुर बांध से आठवीं बार पानी छोड़े जाने का रेकॉर्ड बनेगा। इससे पहले वर्ष 2004, 2010, 2014, 2016, 2019, 2022 और 2024 में गेट खोले जा चुके हैं।
बीसलपुर बांध टोंक जिले के बीसलपुर गांव के पास अरावली पर्वतमाला की पहाड़ियों में स्थित है। बांध का शिलान्यास 25 जनवरी 1985 को राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर ने किया था।
1987 में निर्माण कार्य शुरू हुआ और 1996 में बांध पूरी तरह बनकर तैयार हो गया। इस पर करीब 300 करोड़ रुपए की लागत आई थी। बीसलपुर बांध परियोजना का मुख्य उद्देश्य जयपुर और अजमेर में पेयजल आपूर्ति करना था।