जैसलमेर

परमाणु परीक्षण के 27 साल पूर्ण: तब दुनिया ने सुनी थी भारत की ताकत की गूंज

आज से 27 वर्ष पहले, 11 और 13 मई 1998 को हुए परमाणु परीक्षणों ने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल कर दिया।

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May 10, 2025

आज से 27 वर्ष पहले, 11 और 13 मई 1998 को हुए परमाणु परीक्षणों ने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल कर दिया। सेटेलाइट निगरानी से बचते हुए देश के वैज्ञानिकों ने जब पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में पांच परमाणु विस्फोट किए, तो उसकी गूंज पूरी दुनिया ने सुनी, और पोकरण के साथ खेतोलाई गांव का नाम भी इतिहास में दर्ज हो गया। इन धमाकों की खास बात यह थी कि देश-विदेश की सुरक्षा एजेंसियों को कानों-कान खबर नहीं लगी। परीक्षण से महज कुछ घंटे पहले खेतोलाई गांव के लोगों को सामान्य अभ्यास की सूचना दी गई थी। दोपहर 2:45 बजे पहला विस्फोट हुआ और शाम पांच बजे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसकी घोषणा की। उन्होंने जय जवान, जय किसान के साथ जय विज्ञान का नारा जोड़ा, जिसने देश को आत्मनिर्भरता की नई परिभाषा दी। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के पीछे पूर्व राष्ट्रपति व डीआरडीओ निदेशक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, डॉ. के. संथनाम और डॉ. आर चिदंबरम की टीम थी। इन वैज्ञानिकों ने न केवल देश को ताकत दी, बल्कि विश्व को चौंका दिया। कुल पांच विस्फोट किए गए-11 मई को दो और 13 मई को तीन। इनमें एक संलयन व चार विखंडन बम शामिल थे। खास रणनीति के तहत परीक्षण स्थल से दूर पिनाका रॉकेट छोड़े गए और वायुसेना द्वारा रनवे विनाश का अभ्यास किया गया, जिससे विश्व की नजरें भटकाई जा सकें। खेतोलाई गांव से मात्र 5 किमी दूर हुए इस परीक्षण के कारण गांववासियों को आज भी गर्व है।

फैक्ट फाइल:-

  • 27 वर्ष पूर्व पोकरण की धरा पर हुए परमाणु परीक्षण
  • 2 धमाके किए गए 11 मई 1998 को
  • 3 धमाके हुए 13 मई 1998 को
  • 5 धमाके किए गए परमाणु परीक्षण शृंखला के अंतर्गत
  • 25 किमी पोकरण से दूर है खेतोलाई गांव
  • 5 किमी खेतोलाई गांव से दूर है परमाणु परीक्षण स्थलआज भी याद आते है वे पल11 मई 1998 को सैनिकों ने गांव में डेरा डाल दिया था। करीब पौने 3 बजे यहां परमाणु परीक्षण का धमाका हुआ। 1 की पल में खेतोलाई व पोकरण का नाम पूरे विश्व में गूंज उठा। वो पल आज भी याद आते है।
  • अशोक विश्नोई, निवासी खेतोलाईगर्व का विषयखेतोलाई की धरती पर परमाणु परीक्षण करना यहां के वाशिंदों के लिए गर्व का विषय है। परीक्षण से पोकरण व खेतोलाई को पूरे विश्व में पहचान मिली है। परीक्षण के 27 वर्ष पूर्ण होने पर खुशी है।
  • आयुष विश्नोई, निवासी खेतोलाई
Published on:
10 May 2025 09:01 pm
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