राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत कस्बे के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सोमवार को मानसिक स्वास्थ्य एवं नशामुक्ति जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत कस्बे के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सोमवार को मानसिक स्वास्थ्य एवं नशामुक्ति जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों व आमजन को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व, नशामुक्ति के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से आयोजित शिविर में बड़ी संख्या में विद्यार्थी व महाविद्यालय स्टाफ उपस्थित रहा। मुख्य वक्ता राजकीय जिला चिकित्सालय के मनोरोग व नशामुक्ति विशेषज्ञ डॉ.जितेन्द्र नरानिया ने नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि नशा व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक व सामाजिक जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। समय पर सही परामर्श, परिवार का सहयोग व सकारात्मक सोच से नशे की लत को बिना भय व भ्रांति के छोड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि मानसिक रोग कोई कमजोरी नहीं, बल्कि चिकित्सकीय समस्या है। जिसका समय पर उपचार संभव है। मानसिक तनाव, चिंता, अवसाद, नींद की समस्या या व्यवहार में बदलाव होने पर तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए और बिना किसी झिझक व गलत धारणाओं में नहीं रहकर उपचार लेना चाहिए। प्राचार्य डॉ. गिरधारीलाल जयपाल ने विद्यार्थियों व स्टाफ को नशे के दुष्परिणामों से अवगत करवाते हुए सामाजिक नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने नशामुक्ति का संकल्प दिलाया। आचार्य डॉ.गणपतराम सुथार, सहायक आचार्य तेजसिंह, बरकतखां ने भी अपने विचार रखे।