जिले के बड़े कस्बे पोकरण को 3 वर्ष पूर्व राजकीय जिला चिकित्सालय व ट्रोमा सेंटर की सौगात मिली थी, जिनके भवन का कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है, जबकि कार्य पूर्ण करने की अवधि भी निकल चुकी है।
जिले के बड़े कस्बे पोकरण को 3 वर्ष पूर्व राजकीय जिला चिकित्सालय व ट्रोमा सेंटर की सौगात मिली थी, जिनके भवन का कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है, जबकि कार्य पूर्ण करने की अवधि भी निकल चुकी है। गौरतलब है कि पोकरण ऐतिहासिक, धार्मिक व सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है। यहां के ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण के लिए प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक पहुंचते है। जैसलमेर जाने व वापिस आने वाले पर्यटक पोकरण होकर गुजरते है। रामदेवरा में बाबा की समाधि के दर्शनों के लिए भी प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु आते है। सामरिक रूप से भी पोकरण का विशेष महत्व है। पोकरण में भारतीय सेना व सीमा सुरक्षा बल की स्थायी छावनियां है। साथ ही प्रदेश की बड़ी रेंजों में शुमार पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज भी यहां स्थित है, जो कई किलोमीटर में फैली हुई है। पूर्व में पोकरण में राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित था। वर्ष 2021 में इसे उप जिला एवं 2022 में जिला अस्पताल में क्रमोन्नत किया गया। साथ ही ट्रोमा सेंटर भी स्वीकृत किया गया। दूसरी तरफ अभी तक भवन निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है।
राजकीय जिला चिकित्सालय व ट्रोमा सेंटर की स्वीकृति के बाद भूमि आवंटन की प्रक्रिया चली। कस्बे में जैसलमेर रोड पर जिला परिवहन कार्यालय के पास 25 बीघा भूमि आवंटित की गई, जिसके बाद सरकार की ओर से करीब 42 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की गई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर जून 2023 में भवन निर्माण का कार्य शुरू किया गया, जिसे दिसंबर 2024 तक पूर्ण करना था। प्रशासनिक व तकनीकी कारणों से कुछ देरी होने पर कार्यावधि अप्रेल 2025 तक बढ़ाई गई।
दो वर्ष से भवन निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है, जिसके कारण अभी तक भवन निर्माण 70 प्रतिशत ही पूर्ण हुआ है। जबकि भवन निर्माण के बाद इसे पूरी तरह से शुरू करने में भी समय लगेगा। ऐसे में 2025 के अंत तक भवन व अन्य सुविधाओं की व्यवस्थाओं के बाद जिला चिकित्सालय व ट्रोमा सेंटर के शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।