पोकरण कस्बे में ज्यादा ब्याज पर ऋण देकर समय पर किश्त जमा नहीं करवाने पर ब्याज एवं जुर्माना वसूलने के मामले में अब तहसीलदार व पुलिस आमने-सामने हो गई है।
पोकरण कस्बे में ज्यादा ब्याज पर ऋण देकर समय पर किश्त जमा नहीं करवाने पर ब्याज एवं जुर्माना वसूलने के मामले में अब तहसीलदार व पुलिस आमने-सामने हो गई है। तहसीलदार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर थानाधिकारी को ज्ञान की कमी बता दी। गौरतलब है कि कस्बे में कुछ लोगों की ओर से ब्याज पर रुपए दिए जाते है। उनकी ओर से ब्याज पर दी गई राशि को पुन: प्रतिदिन किश्तों में प्राप्त की जाती है। जिस दिन किश्त जमा नहीं करवाई जाती है, उसके अगले दिन जुर्माने के साथ राशि देनी पड़ती है। कई गरीब व पीडि़त परिवार ऐसे ब्याज से परेशान है, जिसका मामला संज्ञान में आने पर तहसीलदार की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्ट कर ऐसे पीडि़तों को उनके पास शिकायत पेश करने की बात कही। जिस पर एक पीडि़त संजय कुमार भार्गव ने गत दिनों तहसीलदार विश्वप्रकाश चारण को शिकायत पेश की। तहसीलदार चारण ने शिकायत पर तत्काल संबंधित फाइनेंस कंपनी के कार्यालय जाकर दबिश दी और यहां काम कर रहे दो युवकों को पकड़कर पुलिस को सुपुर्द किया।
पुलिस की ओर से किसी भी तरह की प्राथमिकी नहीं मिलने का कहकर मामला दर्ज नहीं किया गया और उन दोनों युवकों को छोड़ दिया गया। जिस पर तहसीलदार ने शिकायत के साथ एक पत्र थानाधिकारी को लिखकर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए। जिस पर पुलिस की ओर से परिवाद दर्ज कर दिया गया, लेकिन अभी तक मामला दर्ज नहीं किया गया है।
तहसीलदार चारण ने सोमवार देर शाम सोशल मीडिया पर फिर एक पोस्ट डाली। इसमें लिखा कि 'अगर पुलिस ही काम करती तो जनता शिकायत लेकर मेरे पास क्यों आती?? और जहां तक रही बात तहसीलदार (कार्यपालक मजिस्ट्रेट) के पावर की, तो शायद एसएचओ साब को ज्ञान की थोड़ी कमी है।' यह बात लिखकर साथ में सीआरपीसी की धारा ४१ व ४४ में उन्हें मिले अधिकारों के बारे में भी बताया गया है।
कस्बे में गत कुछ दिनों से प्रशासन व पुलिस आमने-सामने दिख रहे है। अब तहसीलदार की ओर से थानाधिकारी को लेकर सोशल मीडिया में पोस्ट की जा रही है। ऐसे में कस्बे सहित आसपास क्षेत्र में यह चर्चा का विषय बना हुआ है।