भारतीय वायुसेना की ओर से देश के पश्चिमी सीमा क्षेत्र में युद्धाभ्यास के अंतर्गत रेगिस्तानी रणभूमि पर आधुनिक शौर्य और कौशल का प्रदर्शन किया जा रहा है।
भारतीय वायुसेना की ओर से देश के पश्चिमी सीमा क्षेत्र में युद्धाभ्यास के अंतर्गत रेगिस्तानी रणभूमि पर आधुनिक शौर्य और कौशल का प्रदर्शन किया जा रहा है। युद्धाभ्यास के लिए वायुसेना ने बड़े पैमाने पर तैयारियां की हैं और इसे देखते हुए जोधपुर पुलिस कमिश्नर ने ड्रोन समेत सभी फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स पर रोक भी लगाई है। अभ्यास के दौरान वायुसेना की तरफ से अपने अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों की क्षमता व दमखम का परीक्षण किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार यह अभ्यास जैसलमेर सहित जोधपुर व बाड़मेर क्षेत्र में किया जा रहा है। बमबारी व सटीक निशाना लगा कर एयरफोर्स अपनी ताकत के साथ कौशल का भी प्रदर्शन कर रही है। पश्चिमी सीमा पर वायुसेना के इस अभ्यास के जरिए तैयारी का भी परीक्षण किया जा रहा है। बताया जाता है कि अभ्यास में वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई को शामिल किया गया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मन के होश उड़ाने वाले एयर डिफेंस सिस्टम का खास तौर पर इस्तेमाल करके देखा जाएगा। अभ्यास में राफेल विमानों की भागीदारी की भी जानकारी सामने आ रही है। वायुसेना की तरफ से इस तरह के अभ्यास समय-समय पर किए जाते रहे हैं लेकिन वर्तमान हालात में यह महत्वपूर्ण कवायद मानी जा रही है।