पर्यटन सीजन के चरम पर रिंग रोड पर चार पहिया वाहनों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने बुधवार से सोनार दुर्ग के इर्द-गिर्द चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।
पर्यटन सीजन के चरम पर रिंग रोड पर चार पहिया वाहनों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने बुधवार से सोनार दुर्ग के इर्द-गिर्द चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। उक्त व्यवस्था प्रतिदिन सुबह 8 से दोपहर 3 बजे तक लागू रहेगी। अवधि में चार पहिया वाहन रिंग रोड पर प्रवेश नहीं कर सकेंगे और न ही पार्क किए जा सकेंगे।
प्रशासन ने रिंग रोड पर संचालित पार्किंग स्थल को हटाकर अब इसको एसबीआइ चौराहा स्थित बस टर्मिनल पर स्थानांतरित कर दिया है। हालांकि पुराने बस टर्मिनल की सीमित जगह को लेकर आशंका है कि यहां वाहनों का दबाव बढ़ेगा और आसपास के मुख्य मार्ग पर भी जाम की स्थिति बन सकेगी। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार रिंग रोड पर भीड़ नियंत्रित करना प्रोजेक्ट सोनार के आगामी कार्यों के लिए अत्यंत आवश्यक है। प्रोजेक्ट के तहत लगभग 60 करोड़ रुपए की लागत से दुर्ग क्षेत्र में खड़े पत्थरों का फर्श बिछाने, ऑर्नामेंटल लाइटिंग और प्राचीन स्वरूप के पुनर्विकास का काम होना है। प्रशासन का मानना है कि भविष्य में इस पूरे क्षेत्र में चार पहिया ही नहीं, दुपहिया वाहनों का आवागमन भी रोकना पड़ेगा। वर्तमान कदम बड़े बदलावों का पूर्वाभ्यास है।
उपखंड अधिकारी सक्षम गोयल और नगरपरिषद आयुक्त लजपालसिंह सोढ़ा ने बताया कि निर्धारित समय में रिंग रोड पर कोई भी चार पहिया वाहन खड़ा पाया गया तो पुलिस की ओर से जब्ती की कार्रवाई के साथ चालान भी किया जाएगा। सुबह 8 बजे के बाद यदि कोई वाहन रिंग रोड पर दिखाई देता है, तो उसे तुरंत हटवा लिया जाएगा।रिंग रोड क्षेत्र में केवल तिपहिया और दुपहिया वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति रहेगी, जिससे पर्यटकों को आवागमन में राहत मिलेगी और दुर्घटनाओं की आशंका कम होगी। ऐतिहासिक दुर्ग में रहने वालों के चार पहिया वाहनों को पूर्ववत अखे प्रोल के अंदर ही पार्किंग की अनुमति दी जाएगी, वह भी पुलिस सत्यापन के बाद।
नगरपरिषद प्रशासन के अनुसार बस टर्मिनल में वाहनों की पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध है। इसके अलावा एयरफोर्स मार्ग को भी पार्किंग विकल्प के रूप में रखा गया है, क्योंकि वहां अब निजी बसों की पार्किंग नहीं होती। आयुक्त लजपालसिंह सोढ़ा ने बताया कि नई व्यवस्था से रिंग रोड पर भीड़ कम होगी और प्रोजेक्ट सोनार से जुड़ी आगामी गतिविधियों को गति मिलेगी। प्रशासन के अनुसार यह बदलाव अस्थाई नहीं बल्कि दीर्घकालीन व्यवस्था का हिस्सा है, जो पर्यटन और यातायात प्रबंधन के लिहाज से आवश्यक है।