विजयाराजे सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण किया झालावाड़। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि उनकी मां विजयाराजे सिंधिया त्याग, सेवा और सिद्धांतों की मिसाल थीं। उन्होंने हमेशा सिखाया कि काम करने में विश्वास रखो, किसी के आगे हाथ मत फैलाओ। वे बुधवार रात को झालावाड़ स्थित राजकीय खेल संकुल में आयोजित राजमाता की प्रतिमा […]
विजयाराजे सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण किया
झालावाड़। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि उनकी मां विजयाराजे सिंधिया त्याग, सेवा और सिद्धांतों की मिसाल थीं। उन्होंने हमेशा सिखाया कि काम करने में विश्वास रखो, किसी के आगे हाथ मत फैलाओ। वे बुधवार रात को झालावाड़ स्थित राजकीय खेल संकुल में आयोजित राजमाता की प्रतिमा अनावरण समारोह में बोल रही थीं।
राजे ने अपनी मां और पूर्व सांसद के राजनीतिक और वैचारिक योगदान को याद करते हुए कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी भाजपा में शीर्ष नेतृत्व पर थे, तब वे मां को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाहते थे, लेकिन उन्होंने विनम्रता से यह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया।
राजे ने एक प्रसंग सुनाते हुए कहा कि 1998 में भाजपा और सहयोगी दलों को पूर्ण बहुमत मिला और यह तय हो गया कि अटलजी प्रधानमंत्री बनेंगे, उस समय मेरी मां अस्पताल में भर्ती थीं और अचेत अवस्था में थीं। अटलजी और आडवाणी जी जब उन्हें देखने आए तो वे होश में आईं और बोली, मैं तो इसी दिन के लिए जि़ंदा थी। उनकी अंतिम इच्छा पूरी हुई और कुछ ही दिनों बाद उनका देहांत हो गया।कार्यक्रम में राजे ने खेल संकुल परिसर में फोटो गैलरी का उद्घाटन भी किया। खिलाडिय़ों, आयोजकों व सहयोगकर्ताओं का सम्मान किया।
सांसद दुष्यंत सिंह ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में विधायक गोविंद रानीपुरिया, कालूराम मेघवाल, कंवरलाल मीणा, भाजपा जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन शर्मा, छगन माहुर समेत कई जनप्रतिनिधि और आमजन उपस्थित रहे। इससे पूर्व राजे ने दिनभर डाकबंगले में अधिकारियों और कार्यकर्ताओं से चर्चा की।संचालन पूनम रौतेला ने किया।