Jodhpur News: प्रकाश बताते हैं कि वे पढ़ाई के साथ हमेशा स्किल पर जोर देते हैं। क्योंकि उन्होंने खुद भी स्किल के जरिये ही सफलता हासिल की है, ऐसे में युवाओं को एक स्किल में पारंगत होना जरूरी हो।
Jodhpur News: जब 12 साल के थे तो चमड़े के जूते बनाते थे। परिवार किराए के मकान में था। कर्ज में डूबा था। फिर एक हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री में काम करने का मौका मिला। कुछ ही साल में इन्होंने काम सीखा और चमड़े के फर्नीचर एक्सपोर्ट में नाम कमाया।
सिर्फ यही नहीं वे अब ऐसे श्रमिकों व कम-पढ़े लिखे लोगों को स्किल से जोड़ रहे हैं, जो आगे बढ़ना चाहते हैं। हर दिन एक घंटा लोगों को काम सिखाने के लिए लगाते हैं। इसी कारण उन्होंने अब तक 250 से ज्यादा स्किल लेबर भी तैयार कर दी है। ये हैं प्रकाश सांखला। अपने काम में इन्होंने धीरे-धीरे महारथ हासिल की। जूतियां और थैले बनाने के बाद इन्होंने लेदर के फर्नीचर सेक्टर में कदम रखा। जब काम शुरू किया तो बड़ी फैक्ट्रियों के लिए सामान तैयार करते थे।
वर्ष 2015 में खुद का एक्सपोर्ट शुरू किया। ईपीसीएच व जोधपुर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के भरत दिनेश के सहयोग से काफी आगे लेकर गए। एक कंटेनर एक्सपोर्ट से शुरुआत की थी। यह अब हर महीने 15 से ज्यादा कंटेनर के एक्सपोर्ट तक पहुंच गया है।
प्रकाश बताते हैं कि पिछले काफी समय से एक घंटा लेबर स्किल इम्प्रूवमेंट पर रखते हैं। यह सिलसिला वह आगे भी कई सालों तक जारी रखेंगे। इसमें किसी भी लेबर को यदि आगे बढ़ना होता है तो उसे नि:शुल्क लेदर फर्नीचर की बारीकियां और एक्सपोर्ट से जुड़ी ट्रेनिंग देते हैं। इसके अलावा जो लोग इस सेक्टर में आगे जाना चाहते हैं, उनको पेड इंटर्नशिप भी करवाते हैं। इसी नवाचार के तहत 200 से ज्यादा लोगों को नवाचार से जोड़ा जिनमें कई लोगों को खुद रोजगार दे रहे हैं तो कई लोग इस इंडस्ट्री में अलग-अलग जगह रोजगार ले रहे हैं।