कोटा

अहमदाबाद विमान हादसे में कैसे बचा कोटा का मंयक, बताया हादसे का खौफनाक मंजर

Ahmedabad Plane Crash: जीवन और मृत्यु के बीच का फासला सिर्फ कुछ मिनटों का होता है। ऐसा ही कुछ हुआ दीगोद निवासी व्यापार संघ अध्यक्ष किशन सेन के बेटे मयंक सेन के साथ, जो अहमदाबाद के भयावह प्लेन क्रैश में बाल-बाल बच गया।

2 min read
Jun 13, 2025
(ANI Photo)

दीगोद (कोटा)। जीवन और मृत्यु के बीच का फासला सिर्फ कुछ मिनटों का होता है। ऐसा ही कुछ हुआ दीगोद निवासी व्यापार संघ अध्यक्ष किशन सेन के बेटे मयंक सेन के साथ, जो अहमदाबाद के भयावह प्लेन क्रैश में बाल-बाल बच गया।

मयंक बी.जे. मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग अहमदाबाद में रहता है और एमबीबीएस तृतीय वर्ष का छात्र है। गुरुवार को हुए इस हादसे में उसके पांच करीबी दोस्तों की मौत हो गई। हादसे से महज 20 मिनट पहले वह कॉलेज बिल्डिंग से बाहर निकल गया था। मयंक उस समय कॉलेज की दूसरी बिल्डिंग में स्थित मैस में खाना खाकर बाहर निकला ही था और प्लेन क्रैश हो गया। मयंक ने फोन पर कांपती आवाज में बताया कि 20 मिनट पहले यदि मैं बाहर नहीं निकला होता तो शायद मैं भी नहीं होता।

मलबे से निकाले दोस्तों के शव

हादसे के कुछ ही मिनटों बाद जब मयंक वापस लौटा तो सामने का दृश्य दिल दहला देने वाला था। चारों ओर चीख-पुकार, उठती आग की लपटें, धुएं का गुबार और बिखरे हुए मलबे में दबे लोग….यह देखकर वह सन्न रह गया। मयंक ने बताया कि कुछ समझ ही नहीं आया कि क्या करें, किसे बचाएं। आंखों के सामने सब खत्म हो गया। फिर भी हिम्मत जुटाकर वह अपने अन्य दोस्तों के साथ मलबे के बीच गया और वहां दबे शवों को निकालने में मदद की। इन शवों में उसके पांच करीबी दोस्त भी थे।

जीवन मिला, लेकिन बहुत कुछ खो गया…

मयंक सेन की जान तो बच गई, लेकिन अपने साथियों को खोने का दर्द उसे जिंदगी भर सालता रहेगा। कभी उनके साथ पढ़े गए चैप्टर, हंसी-ठिठोली, कैंटीन की बातें अब सब अधूरी यादों में बदल गई हैं।

परिवार को राहत, लेकिन दिल में दुख भी

किशन सेन के घर जब यह खबर पहुंची कि मयंक सुरक्षित है तो परिवार ने राहत की सांस ली। मगर बेटे के दोस्तों की मौत का दुख उनके चेहरों पर साफ झलक रहा था।

Also Read
View All

अगली खबर