एससीएसटी विशिष्ट न्यायालय ने करीब साढ़े 22 साल पुराने किशोरी को भगाने और उससे बलात्कार करने के मामले में आरोपी को 7 वर्ष के कठोर कारावास को 40 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
Kota News : एससीएसटी विशिष्ट न्यायालय ने करीब साढ़े 22 साल पुराने किशोरी को भगाने और उससे बलात्कार करने के मामले में आरोपी को 7 वर्ष के कठोर कारावास को 40 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
न्यायालय के विशिष्ट लोक अभियोजक हितेश जैन ने बताया कि फरियादी ने 18 अप्रेल 2002 को पुलिस थाना रामगंजमंडी में दर्ज करवाई रिपोर्ट में बताया कि 13 अप्रेल 2002 के शाम करीब 8 बजे उसकी किशोरी पुत्री घर से बाहर गई हुई थी। इस दौरान लेखराज धाकड व प्रभुलाल धाकड और उसकी पत्नी धनकंवर साजिश के तहत उसकी बेटी को जबरन ले गए। जिसका पता नहीं लग रहा।
पुलिस ने दस्तयाब की किशोरी
मामले में रामगंजमंडी पुलिस ने मामला दर्ज कर किशोरी की तलाश शुरू की। पुलिस ने पीड़िता को दस्तयाब कर उसके बयान और मेडिकल मुआयना करवाया। जिसमें किशोरी से बलात्कार की पुष्टि हुई। मामले में पुलिस ने जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया।
14 बयान और 14 सबूतों ने पहुंचाया जेल
अभियोजन पक्ष की ओर से प्रकरण में 14 गवाहों का बयान लेखबद्ध करवाए गए और 14 दस्तावेज बतौर सबूत प्रदर्शित किए गए। न्यायालय ने मामले में निर्णय देते हुए आरोपी झालावाड़ जिले के खानपुर तहसील के गांव लडानिया लेखराज नागर उर्फ शिवप्रसाद (52) को दोषी करार देते हुए सजा से दंडित किया।