नदियों से नदी को जोड़ने की महत्वकांक्षी योजना को राज्य बजट में पंख लग गए है। रावतभाटा के श्रीपुरा में ब्राह्मणी नदी पर 5 हजार करोड़ की लागत से बांध बनाकर ब्राह्मणी नदी का पानी बनास नदी बीसलपुर बांध में डाला जाएगा।
शाकिर हुसैन/रावतभाटा। नदियों से नदी को जोड़ने की महत्वकांक्षी योजना को राज्य बजट में पंख लग गए है। रावतभाटा के श्रीपुरा में ब्राह्मणी नदी पर 5 हजार करोड़ की लागत से बांध बनाकर ब्राह्मणी नदी का पानी बनास नदी बीसलपुर बांध में डाला जाएगा। इसमें 53 किलोमीटर लम्बा पहाड़ी इलाके में टनल बनाई जाएगी। साथ ही राणा प्रताप सागर और जवाहर सागर बांध के सरप्लस पानी को भी डायवर्जन कर उपयोग में लिया जाएगा। इसका लाभान्वित क्षेत्र कोटा, धौलपुर और सवाई माधोपुर रहेगा।
जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह परियोजना नदी जोड़ों परियोजना के साथ-साथ जल स्वावलंबन की सबसे बड़ी परियोजना होगी। इसमें ब्राह्मणी नदी के व्यर्थ बहने वाली पानी का उपयोग बनास नदी में जोड़कर किया जाएगा। यह पानी बीसलपुर बांध जाएगा। वहां से जयपुर, अजमेर आदि जगहों पर पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
मानसून के दौरान ब्राह्मणी नदी में काफी पानी आता रहा है। यह पानी जवाहर सागर बांध व कोटा बैराज होकर चंबल नदी में बह जाता है। इसे बनास नदी से जोड़कर बीसलपुर बांध के जरिए जयपुर, टोंक, अजमेर ले जाने का प्रोजेक्ट तैयार किया गया। इससे 70 लाख से ज्यादा लोग लाभान्वित होंगे। इसकी डीपीआर का काम पूरा हो चुका है। प्रोजेक्ट लागत 5 हजार करोड़ रुपए आंकी गई। इसमें 53 किलोमीटर लबा पहाड़ी इलाका भी है, जहां टनल बनानी होगी।
प्रस्तावित बांध की ऊंचाई छह मीटर होगी। इस बांध के अपस्ट्रीम क्षेत्र में कोई गांव या जमीन डूब में नहीं आएगी। बांध का भराव क्षेत्र नहीं रहेगा। टनल के जरिए पानी बनास नदी में चला जाएगा। फिलहाल जलसंसाधन विभाग 2019 में बनी डीपीआर पर ही कार्य कर रहा है। इसी डीपीआर पर सहमति बन जाती है तो फंड रिलीज होते ही बांध का काम शुरू हो जाएगा।
ब्राह्मणी नदी पर राज्य के पहले डायवर्जन बांध के लिए राज्य सरकार के बजट में 5 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। कुल बजट 8 हजार 300 करोड़ है, जिसमे ब्राह्मणी पर बांध और चंबल नदी पर बने राणा प्रताप सागर और जवाहर सागर बांध के सरप्लस पानी को अपवर्तन किया जाएगा।
एडी अंसारी, अधीक्षण अभियंता, जल संसाधन विभाग कोटा
ब्राह्मणी नदी पर श्रीपुरा-रावतभाटा में बांध के लिए 2014 में सर्वे हुआ था। उस सर्वे दल में मैं भी शामिल था। बांध बनाकर ब्राह्मणी नदी का पानी बनास नदी में डालने की इस योजना की पूर्व में डीपीआर बन चुकी है। बांध से जयपुर, अजमेर का पेयजल संकट हल होगा।
कन्हैयालाल धाकड़, सहायक अभियंता, जल संसाधन विभाग बेगूं