कोटा

राजस्थान में बन रही देश की सबसे लंबी 8-लेन टनल में आर-पार खुदाई पूरी, जल्द मिलेगी बड़ी सौगात

Delhi–Mumbai Expressway: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का एक अहम हिस्सा कोटा जिले के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से होकर गुजर रहा है, जहां 4.9 किलोमीटर लंबी टनल का निर्माण किया जा रहा है। जानें क्यों खास है यह टनल?

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Apr 11, 2025

Dara Tunnel: कोटा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का एक अहम हिस्सा कोटा जिले के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से होकर गुजर रहा है, जहां 4.9 किलोमीटर लंबी सुरंग (टनल) का निर्माण किया जा रहा है। दूसरी ट्यूब की ब्रेकथ्रू सेरेमनी के तहत गुरुवार को इस टनल की आर-पार खुदाई पूरी कर ली गई।

इससे पहले 28 फरवरी को कोटा से चेचट की दिशा वाली सुरंग ट्यूब की ब्रेकथ्रू सेरेमनी हो चुकी थी। अब दोनों सुरंगें पूरी तरह आर-पार हो गई हैं। बता दें कि यह देश की सबसे लंबी 8-लेन टनल है। यहां 8 नवंबर तक ट्रैफिक शुरू होने की उम्मीद है।

ब्रेकथ्रू के बाद टनल की दीवार को बुलडोजर से तोड़ा गया और सुरंग आर-पार हो गई। इस मौके पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कोटा प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप अग्रवाल, निर्माण कंपनी दिलीप बिल्डकॉन के प्रोजेक्ट मैनेजर संजय सिंह राठौड़, इंजीनियर, मजदूर और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। तिरंगा लहराकर इस उपलब्धि पर खुशी जताई गई।

सुरंग की लंबाई 4.9 किमी

वर्तमान में सुरंग की चौड़ाई 9 मीटर है, जिसे 19 मीटर तक बढ़ाया जाएगा। वहीं ऊंचाई 8 मीटर से बढ़ाकर 11 मीटर की जाएगी। टनल की कुल लंबाई 3.3 किलोमीटर और अंतिम चौड़ाई 21 मीटर होगी। यह टनल मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की सीमा से ठीक पहले शुरू होकर रिजर्व के 500 मीटर आगे तक बनाई जा रही है, ताकि वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास प्रभावित न हो। ऐसे में सुरंग की लंबाई 4.9 किमी हो जाएगी। बड़ी बात ये है कि यह देश की पहली सबसे लंबी 8-लेन टनल है।

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आधुनिक तकनीक से किया जा रहा सुरंग का निर्माण

न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड से यह निर्माण कार्य किया जा रहा है, जो आधुनिक तकनीक मानी जाती है। यह देश की सबसे चौड़ी सड़क सुरंग होगी। पहाड़ की खुदाई के दौरान बीच में कच्चा पत्थर आने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से खुदाई और निर्माण साथ-साथ किया गया, जिससे काम की गति प्रभावित हुई। पहले यह टनल जनवरी 2024 तक पूरी होनी थी, लेकिन अब इसे दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बाद जनवरी 2026 से इस पर ट्रैफिक शुरू किया जाएगा।

जानें टनल में और क्या खास

-टनल को 12 स्थानों पर आपस में जोड़ा जाएगा, ​ताकि आपात स्थिति में वाहन चालकों को आसानी से निकला जा सकेगा।
-टनल में वेंटिलेशन की विशेष व्यवस्था।
-जहरीली गैसों की पहचान के लिए अत्याधुनिक पॉल्यूशन डिटेक्टर सेंसर।
-टनल में विश्व स्तरीय ऑटोमैटिक तकनीक का उपयोग।
-टनल में पर्याप्त ऑक्सीजन की मौजूदगी के लिए 104 जेट फैन लगेंगे।

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