मंत्री राजभर ने एक चैनल से बातचीत में एबीवीपी कार्यकर्ताओं को गुंडा कहा था। इसी बात से कार्यकर्ता गुस्से में हैं। सोशल मीडिया पर भी मंत्री ओपी राजभर की ट्रोलिंग हो रही है।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं का बुधवार रात कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा। लाठीचार्ज के सवाल पर दिए गए बयान पर आक्रोशित कार्यकर्ता रात 09:50 बजे हजरतगंज स्थित मंत्री आवास पहुंचे। राजभर का पुतला फूंकते हुए जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं धक्का-मुक्की हुई।
आक्रोशित इतने गुस्से में थे कि वह बार-बार मंत्री के आवास के गेट पर चढ़ने लगे। आवास के अंदर ईंट-पत्थर और जूते चप्पल फेंके गए। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने कार्यकर्ताओं को काबू में किया।
एबीवीपी सदस्य पुष्पेंद्र बाजपेई ने जोर देकर कहा कि विद्यार्थी परिषद केवल एक संगठन नहीं, बल्कि एक परिवार है जो शैक्षिक मूल्यों पर काम करता है। उन्होंने कहा, "हमारा संगठन दुनिया का सबसे बड़ा और अनुशासित संगठन है, जो एक शैक्षिक परिवार की कल्पना करता है।" यह बयान सीधे तौर पर ओपी राजभर की राजनीति और उनके फैसलों को चुनौती देने के रूप में देखा जा रहा है। एबीवीपी सदस्य पुष्पेंद्र बाजपेई ने ओपी राजभर को सीधे तौर पर चुनौती देते हुए कहा, "ओम प्रकाश राजभर खुद गुंडा हैं और गुंडई के दम पर सरकार में आए हैं। जीवनभर गुंडई करने वाला, जाति की राजनीति करने वाला, आज हमें गुंडा कह रहा है।"
बाजपेई ने कहा कि जब तक ओपी राजभर इस्तीफा नहीं दे देते, तब तक उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि पूरे प्रदेश में उनके पुतले जलाए जाएंगे।
मंत्री ओपी राजभर ने ABVP कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के सवाल पर कहा- संविधान से देश चल रहा है। देश कानून से चलता है। आप शिक्षा मंत्री से मिलो, प्रमुख सचिव शिक्षा से मिलो, मुख्यमंत्री से मिलो। यहां से काम नहीं होता तो रक्षा मंत्री से मिलो। प्रधानमंत्री से मिलो। कानून तोड़ने पर प्रधानमंत्री को भी जेल जाना पड़ा। लालूजी को जेल जाना पड़ा। केजरीवाल को जेल जाना पड़ा। पुलिस का काम है लॉ एंड ऑर्डर कंट्रोल करना। अगर आप गुंडागर्दी करोगे तो पुलिस कार्रवाई करेगी। पहले प्यार से मनाएगी, नहीं मानोगे तो जबरदस्ती मनाएगी। तब भी नहीं मानोगे तो डंडा तो चलेगा ना।