लखनऊ

New facilities:सरकारी अस्पतालों में हृदय रोगियों का होगा उपचार, पीपीपी मोड पर चलेगी व्यवस्था

New facilities:सरकारी अस्पतालों में अब हृदय रोगियों निशुक्ल उपचार होगा। इसके लिए तीन शहरों के सरकारी अस्पतालों में कार्डिएक केयर यूनिट शुरू कराने की तैयारी चल रही है। इससे मरीजों का काफी राहत मिलेगी। उन्हें निजी अस्पतालों में भारी भरकम बिल नहीं चुकाना पड़ेगा।

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Jan 21, 2025
उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में हृदय रोग के उपचार की सुविधा शुरू होने जा रही है

New facilities:हृदय रोग से जूझ रहे मरीजों को अब उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी। राज्य के सरकारी अस्पतालों में फिलहाल दिल से जुड़ी बीमारियों के इलाज की सुविधा नहीं है। देहरादून, हल्द्वानी और कोरोनेशन अस्पताल में चल रहे कार्डिएक केयर सेंटर को छोड़ अन्य अस्पतालों में ये सुविधा नहीं है। इन तीनों अस्पतालों में गरीब मरीजों को आयुष्मान के तहत निशुल्क इलाज मिल रहा है। सरकार अब हल्द्वानी, काशीपुर और रुड़की में भी पीपीपी मोड पर कार्डिएक केयर यूनिट शुरू करने की तैयारी में है। स्वास्थ्य महानिदेशालय इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इस संबंध में जल्द ही सकारात्मक निर्णय लिया जा सकता है। सरकारी अस्पतालों में हृदय रोग के उपचार की सुविधा शुरू होने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी। लोगों को निजी अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इधर, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मुताबिक राज्य में स्वास्थ्य सेवा सुधारने के लिए तीन कार्डिएक सेंटर खोलने की तैयारी चल रही है। जल्द ही तीन कार्डिएक सेंटर खोल दिए जाएंगे।

किडनी रोगियों को मिले सुविधा

उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की निशुल्क डायलिसिस योजना की समीक्षा की। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड के सभी तेरह जिलों में डायलिसिस के कुल 19 सेंटर चलाए जा रहे हैं, जहां 153 डायलिसिस मशीनों के जरिए पीपीपी मोड पर बीपीएल एवं गोल्डन कार्डधारक मरीजों को निशुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है। जबकि, एपीएल मरीजों को रियायती दरों पर इलाज की सुविधा मिल रही है। इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड का कोई भी किडनी रोगी इलाज के लिए परेशान न हो, यह सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से चल रही इस योजना का मकसद है कि हर जरूरतमंद को अपने आसपास के अस्पताल में इलाज मिल जाए।

Updated on:
21 Jan 2025 12:37 pm
Published on:
21 Jan 2025 12:33 pm
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