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95 ने छोड़ी सरकारी नौकरी:260 ने ज्वाइन ही नहीं किया, अफसर परेशान, लोग हैरान

Left government job:सरकारी नौकरी पाना आज के समय में एक सपना बनता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर कई लोग ऐसे भी हैं जो सरकारी नौकरियों को ठुकरा रहे हैं। एक ऐसा मामला सामने आया है जहां 95 लोगों ने लगते ही सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। वहीं 260 लोगों ने तो सरकारी नौकरी ज्वाइन ही नहीं की।

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लखनऊ

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Naveen Bhatt

Jan 20, 2025

In the education department, 95 teachers resigned as soon as they got the job and 260 people did not join at all

सरकारी नौकरी से लोगों का मोहभंग हो रहा है

Left government job:95 सरकारी शिक्षकों को नौकरी लगने के तत्काल बाद इस्तीफा दे दिया। बेरोजगारी के इस युग में सरकारी नौकरी पाना हर युवा का सपना होता है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हुए युवा बेसब्री से सरकारी विभागों में भर्ती का खुलने की राह तकते हैं। लेकिर उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में हालात बिल्कुल जुदा है। यहां अभ्यर्थी नौकरी मिलने के बाद भी ज्वाइन करने ही नहीं आ रहे हैं। दरअसल, शिक्षा विभाग में बेसिक शिक्षकों के 2900 रिक्त पदों पर पिछले साल से जारी बेसिक शिक्षक भर्ती हुए 95 शिक्षकों ने नौकरी मिलने के तत्काल बाद ही त्यागपत्र दे दिया। इनके अलावा 260 ऐसे अभ्यर्थी भी हैं, जिन्होंने सलेक्शन के बाद ड्यूटी भी ज्वाइन नहीं की। इधर, पांच-पांच काउंसलिंग होने के बाद भी विभाग में एक हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं। इन अजब-गजब हाल को देख हर कोई दंग है। इधर, बेसिक शिक्षा निदेशक रामकृष्ण उनियाल के मुताबिक पांचवीं काउंसलिंग में 180 पदों पर चयन किया गया था। निकाय चुनाव आचार संहिता की वजह से अभी नियुक्ति पत्र देने पर रोक है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद शासन की अनुमति से नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे। इसके बाद सभी जिलों से रिक्त पदों का ब्योरा लेकर आगे कार्यवाही की जाएगी। इसके तहत छठी काउसंलिंग भी कराई जा सकती है।

61 ने पिथौरागढ़ नहीं किया ज्वाइन

उत्तराखंड के चमोली में 40, पौड़ी में 08, दून में 01,उत्तरकाशी में 12, यूएसनगर में 07, बागेश्वर में 20, रुद्रप्रयाग में 07 ने नियुक्ति पत्र पाने के बाद इस्तीफा दे दिया। वहीं, दूसरी ओर पौड़ी में 34, नैनीताल में 16, यूएसनगर में 58, अल्मोड़ा में 33, पिथौरागढ़ में 61, बागेश्वर में 24 और चम्पावत में 17 ,रुद्रप्रयाग में 09 और हरिद्वार में 08 चयनित अभ्यर्थियों ने अब तक तैनाती नहीं ली।

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सुगम की चाह में नहीं की ज्वाइनिंग

सलेक्शन के बाद शिक्षक पद पर नौकरी न करने और इस्तीफा देने की प्रमुख वजह सुगम क्षेत्र के स्कूल में तैनाती की चाहत के रूप में भी सामने आ रही है। कुछ अभ्यर्थियों किे मुताबिक इस वर्ष सभी जिलों में एक साथ काउंसलिंग कराई गई हैं। पहले अलग अलग तिथि होने की वजह से अभ्यर्थियों को अपनी पंसद के जिले के साथ दूसरे जिलों की काउंसलिंग में भी शामिल होने का मौका मिल जाता था। इस बार अधिकांश बेरोजगारों ने एक से ज्यादा जिलों में आवेदन किया था। इसलिए एक जिले में चयन होने के बाद नौकरी सुरक्षित हो जाती है। उसके बाद यदि दूसरे अपेक्षाकृत सुगम जिले में आने का मौका मिलता है तो वहां की दूसरी काउंसलिंग में शामिल हो जाते है।