लखनऊ

LDA का बड़ा फैसला: अब पुराने निर्माण भी होंगे वैध, शमन मानचित्र होंगे स्वीकृत

LDA Updates: लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने नये बिल्डिंग बायलॉज के तहत बड़ी राहत देते हुए घोषणा की है कि अब पूर्व में बिना मानचित्र स्वीकृति के कराए गए निर्माण कार्यों के लिए शमन मानचित्र भी स्वीकृत किए जाएंगे। इससे हजारों लोगों को उनके निर्माण कार्य को वैध रूप देने में मदद मिलेगी।

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Jul 18, 2025
नये बायलॉज के तहत अब शमन मानचित्र भी होंगे स्वीकृत, पुराने निर्माण को मिलेगा वैधता का लाभ फोटो सोर्स : Social Media

LDA Eases Building Norms: लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने भवन निर्माण से संबंधित बड़ी राहत की घोषणा करते हुए स्पष्ट किया है कि अब नए बिल्डिंग बायलॉज 2025 के अंतर्गत पूर्व में कराए गए अवैध अथवा बिना मानचित्र स्वीकृति वाले निर्माण कार्यों के लिए भी शमन मानचित्र (रेगुलराइजेशन मैप) स्वीकृत किए जाएंगे। यह ऐतिहासिक निर्णय एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार द्वारा आयोजित जनता अदालत के दौरान फरियादियों की मांग पर लिया गया। एलडीए की इस पहल से हजारों नागरिकों को राहत मिलने की संभावना है, जिन्होंने पूर्व में निर्माण कार्य कर लिया था लेकिन तकनीकी अथवा दस्तावेज़ी कारणों से मानचित्र स्वीकृति नहीं मिल सकी थी। अब वे शमन शुल्क जमा कर अपने निर्माण को नियमित करा सकेंगे।

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जनता अदालत में लिया गया निर्णय, जोनल अधिकारियों को मिला लक्ष्य

उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने जनता अदालत में फरियादियों की समस्याओं को सुनने के बाद सभी प्रवर्तन जोन के जोनल अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नागरिकों को शमन मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया में सहज, पारदर्शी और सहयोगात्मक रवैया अपनाएं। इसके साथ ही प्रत्येक जोन को शमन मानचित्र स्वीकृति का सटीक लक्ष्य भी सौंपा गया है:

  • जोन-1: 200 शमन मानचित्र
  • जोन-2: 220 शमन मानचित्र
  • जोन-3: 75 शमन मानचित्र
  • जोन-4: 100 शमन मानचित्र
  • जोन-5: 200 शमन मानचित्र
  • जोन-6: 75 शमन मानचित्र
  • जोन-7: 100 शमन मानचित्र

इस लक्ष्य निर्धारण का उद्देश्य प्रक्रिया को त्वरित और परिणाम मुखी बनाना है ताकि अधिक से अधिक लोग नियमानुसार अपने भवनों को वैध करा सकें।

नए मॉडल बायलॉज 2025 में एफएआर व भू-आवरण क्षेत्रफल में राहत

एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पारित मॉडल भवन निर्माण एवं विकास उपविधि तथा मॉडल जोनिंग रेग्युलेशन-2025 के अंतर्गत भवन निर्माण से जुड़े नियमों को सरलीकृत किया गया है। अब एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) और भू-आवरण क्षेत्रफल (Ground Coverage) में वृद्धि कर अधिक निर्माण की अनुमति दी गई है, जिससे प्लॉट मालिकों को बेहतर उपयोग का अवसर मिलेगा। नए बायलॉज के अंतर्गत यह स्पष्ट किया गया है कि पुराने निर्माण को भी इन नियमों के दायरे में लाकर शमन शुल्क के आधार पर स्वीकृति प्रदान की जा सकती है।

जनता अदालत में 62 मामले पहुँचे, 15 का मौके पर निस्तारण

प्राधिकरण के कमेटी हॉल में आयोजित जनता अदालत में उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के साथ प्राधिकरण सचिव विवेक श्रीवास्तव एवं अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने नागरिकों की समस्याएं सुनीं। कुल 62 प्रार्थना पत्र जनता से प्राप्त हुए जिनमें से 15 मामलों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। शेष मामलों में उचित समय सीमा निर्धारित करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे समयबद्ध कार्यवाही कर निस्तारण सुनिश्चित करें।

मामला 1: प्रधानमंत्री आवास के आवंटी को नहीं मिला होम लोन

गुडम्बा के आदिल नगर निवासी महेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि उन्हें बंसतकुंज योजना में प्रधानमंत्री आवास संख्या-45/22 आवंटित हुआ है, लेकिन कई बैंकों के चक्कर लगाने के बाद भी होम लोन नहीं मिल रहा है, जिससे वे भवन की धनराशि जमा नहीं कर पा रहे। इस पर उपाध्यक्ष ने निर्देश दिए कि बैंकों के सक्षम अधिकारियों से वार्ता कर प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों हेतु होम लोन मेला आयोजित किया जाए, ताकि मौके पर ही सभी आवंटियों को लोन की सुविधा मिल सके।

मामला 2: नाम की विसंगति से अटकी थी रजिस्ट्री, हुआ निस्तारण

कानपुर रोड योजना के सेक्टर-डी निवासी सोनू ने बताया कि उन्हें शारदा नगर योजना के रूचिखंड में भवन संख्या-1/902 आवंटित हुआ है। पूर्ण धनराशि जमा कर दी गई है, लेकिन आवंटन पत्र में नाम 'सोनू' और पहचान पत्रों में 'भूपेन्द्र सिंह' होने के कारण रजिस्ट्री अटकी हुई थी। उपाध्यक्ष ने मौके पर फाइल मंगाई और पाया कि जांच में नाम की पुष्टि हो चुकी है। इसके बाद तुरंत रजिस्ट्री के लिए फाइल अनुमोदित कर प्रकरण का निस्तारण करा दिया गया।

मामला 3: गणना करा कर सौंपा गया मांग पत्र

कैंट क्षेत्र के उदय गंज निवासी नीरज तिवारी ने प्रधानमंत्री आवास संख्या-28/43 (शारदा नगर विस्तार योजना) की रजिस्ट्री के लिए अंतिम गणना कराने का अनुरोध किया। एलडीए टीम ने मौके पर ही भवन की गणना कराकर उन्हें मांग पत्र सौंप दिया। इसी प्रकार रूपेश कुमार ने कानपुर रोड योजना में भूखंड की रजिस्ट्री के लिए प्रार्थना पत्र दिया, जिसकी फाइल भी मौके पर अनुमोदित कर दी गई।

जनता अदालत का प्रभाव

एलडीए की यह पहल न केवल नागरिकों को राहत प्रदान करती है, बल्कि प्रशासन और जनता के बीच सीधा संवाद और विश्वास का पुल भी बनाती है। जनता अदालत के माध्यम से निस्तारित मामलों की गति और प्रभावशीलता से यह स्पष्ट होता है कि प्राधिकरण नागरिक सुविधाओं को लेकर गंभीर है।

निर्माण को वैधता और नागरिकों को राहत

लखनऊ विकास प्राधिकरण की यह घोषणा और जनता अदालत की कार्यवाही, दोनों ही इस ओर इशारा करती हैं कि एलडीए अब लाइसेंस आधारित निर्माण प्रणाली को सरल और उपयोगकर्ता-केंद्रित बनाने की दिशा में सक्रिय है। शमन मानचित्र की अनुमति से अनेकों लोगों को राहत मिलेगी, जिन्होंने मजबूरी या अज्ञानतावश बिना अनुमति निर्माण कराया था। शहर की बेहतर और नियंत्रित शहरीकरण प्रक्रिया के लिए यह कदम बेहद प्रभावी, पारदर्शी और जनहितकारी साबित हो सकता है।

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