Lucknow DM Orders: शीत लहर को देखते हुए लखनऊ में डीएम सूर्यपाल गंगवार ने कक्षा 8 तक के सभी स्कूलों को 4 से 11 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया है। कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई के निर्देश दिए गए हैं। ठंड में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
Lucknow DM Orders: लखनऊ में डीएम सूर्यपाल गंगवार ने शीत लहर को देखते हुए कक्षा 8 तक के सभी स्कूलों को 4 जनवरी से 11 जनवरी तक बंद करने का सख्त आदेश दिया है। कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं अनिवार्य की गई हैं। बच्चों की सुरक्षा को लेकर यह कदम उठाया गया है।
कक्षा 8 तक के स्कूल बंद, ऑनलाइन कक्षाओं के निर्देश
लखनऊ में लगातार बढ़ती ठंड और शीत लहर को देखते हुए जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने सभी बोर्ड के कक्षा 8 तक के स्कूलों को 4 से 11 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया है। यह कदम बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
कक्षा 9 से 12 के लिए ऑनलाइन कक्षाएं अनिवार्य
डीएम ने कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों की पढ़ाई को बाधित न होने देने के लिए ऑनलाइन कक्षाएं चलाने के निर्देश दिए हैं। जिन स्कूलों में ऑनलाइन व्यवस्था नहीं है, उन्हें विशेष प्रबंधों के तहत सुबह 10 बजे से 3 बजे तक ऑफलाइन कक्षाएं संचालित करनी होंगी।
ऑफलाइन कक्षाओं के लिए विशेष नियम
ड्रेस कोड में छूट: बच्चों को ड्रेस पहनने की अनिवार्यता नहीं होगी। वे ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहन सकते हैं।
हीटर अनिवार्य: कक्षाओं में सामान्य तापमान बनाए रखने के लिए हीटर का उपयोग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
खुले में कक्षाएं नहीं: डीएम ने स्पष्ट किया है कि बच्चों को खुले में न बैठाया जाए।
स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी
डीएम ने यह भी आदेश दिया है कि यदि ठंड के कारण किसी बच्चे को कोई परेशानी होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होगी।
शीत लहर के कारण उठाए गए कदम
उत्तर भारत में लगातार बढ़ रही ठंड और शीत लहर को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। बच्चों की सेहत और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए डीएम का यह आदेश सराहनीय माना जा रहा है।
लखनऊ के बच्चों के लिए राहत भरा निर्णय
जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार द्वारा जारी यह आदेश बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए राहत भरा कदम है। शीतलहर के बीच यह सुनिश्चित किया गया है कि शिक्षा और सुरक्षा दोनों में संतुलन बना रहे। उम्मीद है कि इस निर्णय से बच्चों की सुरक्षा और उनकी शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा।