Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ-2025 में योगी सरकार "हर घर जल गांव" की अवधारणा को साकार कर रही है। पेयजल समस्या के समाधान और जल जीवन मिशन की सफलता को प्रदर्शित करते हुए, यह गांव 40 हजार स्क्वायर फीट क्षेत्र में बसाया जाएगा। यह पहल बुंदेलखंड की जल समस्या से सफलता तक की कहानी दुनिया के सामने लाएगी।
Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ-2025 में योगी सरकार ने 'हर घर जल गांव' की योजना को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। 40 हजार स्क्वायर फीट में बनने वाला यह गांव जल जीवन मिशन की सफलता और ग्रामीण क्षेत्रों में जल क्रांति की कहानी को प्रदर्शित करेगा। 'हर घर जल गांव' में श्रद्धालु, पर्यटक और कल्पवासी जल जीवन मिशन द्वारा बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में किए गए कार्यों से अवगत होंगे।
'पेयजल का समाधान, मेरे गांव की नई पहचान' थीम पर आधारित इस प्रदर्शनी में बुंदेलखंड की ग्रामीण महिलाएं अपने अनुभव साझा करेंगी। झांसी, चित्रकूट, और बांदा जैसे इलाकों की महिलाएं, जिन्होंने पानी की कमी के कारण वर्षों तक संघर्ष किया, वे इस बदलाव को साझा करेंगी।
5 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा। प्रदर्शनी में जल जीवन मिशन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, तेलुगू और मराठी भाषाओं में प्रस्तुत किया जाएगा ताकि विभिन्न हिस्सों से आने वाले श्रद्धालु इसे समझ सकें।
महाकुम्भ में ग्रामीण जलापूर्ति और नमामि गंगे विभाग 'जल मंदिर' की स्थापना करेगा। भगवान शिव की जटा से गंगा प्रवाहित होती दिखाई देगी, जो जल के महत्व और उसके संरक्षण का संदेश देगा। यहां हर सुबह और शाम जल आरती आयोजित होगी, जिसमें जल संरक्षण का महत्व रेखांकित किया जाएगा।
योगी सरकार के नेतृत्व में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में जल जीवन मिशन के जरिए अभूतपूर्व बदलाव आया है। जिन गांवों में पानी की कमी के कारण शादी तक नहीं हो पाती थी, अब वहां शुद्ध पेयजल उपलब्ध है। महिलाओं को पानी लाने के लिए मीलों तक सफर नहीं करना पड़ता।
प्रदर्शनी में बुंदेलखंड की सफलता पर विशेष ध्यान
ललितपुर, महोबा और बांदा जैसे जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में हुए बदलाव की कहानियां प्रदर्शनी में प्रमुखता से दिखेंगी। यह प्रदर्शन ग्रामीण जीवन में पेयजल की भूमिका को रेखांकित करेगा।
.महाकुंभ-2025 में 'हर घर जल गांव' की स्थापना।
.40 हजार स्क्वायर फीट में जल जीवन मिशन की सफलता प्रदर्शित होगी।
.बुंदेलखंड की ग्रामीण महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियां।
.'जल मंदिर' में जल संरक्षण का संदेश और जल आरती।
.पांच भाषाओं में प्रदर्शनी की सामग्री।
.51 दिनों तक चलने वाली प्रदर्शनी में कार्यक्रम और इंटरैक्टिव सत्र।