लखनऊ में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर शुरू हुआ विवाद देखते ही देखते हिंसक प्रदर्शन में बदल गया। मामला बख्शी का तालाब थाना क्षेत्र के मवई खातरी गांव का है।
अंबेडकर प्रतिमा विवाद: यहां सरकारी जमीन पर अंबेडकर की प्रतिमा गुपचुप तरीके से स्थापित कर दी गई थी। जब प्रशासन को इसकी सूचना मिली तो शनिवार को प्रतिमा को हटाने की कार्रवाई की गई, जिसका ग्रामीणों ने जोरदार विरोध किया।
दोपहर करीब 2 बजे प्रशासनिक टीम के साथ बीकेटी, इटौंजा, महिंगवा और मड़ियांव थानों की पुलिस, पीएसी तथा महिला पुलिस बल मौके पर पहुंचा। अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों ने प्रतिमा हटाने से इनकार कर दिया और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कुछ ही देर में प्रदर्शन उग्र हो गया और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इस हमले में महिला थाना प्रभारी मेनका सिंह सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पांच राउंड टियर गन का प्रयोग किया। तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और स्थिति को सामान्य करने के प्रयास लगातार जारी हैं।
जानकारी के अनुसार, यह प्रतिमा तीन दिन पहले चोरी-छिपे सरकारी भूमि पर स्थापित की गई थी। जैसे ही इस बात की जानकारी प्रशासन को हुई, उन्होंने इसे हटाने का निर्णय लिया। लेकिन प्रतिमा को लेकर स्थानीय लोगों की भावनाएं जुड़ी होने के कारण यह मामला सांप्रदायिक रंग लेता दिखाई दिया।
प्रशासन का कहना है कि सरकारी जमीन पर बिना अनुमति के किसी भी प्रकार की मूर्ति की स्थापना नियमों के खिलाफ है और इसे हटाना जरूरी था। फिलहाल घटनास्थल पर पुलिस बल तैनात है और हालात पर नजर रखी जा रही है।