Raja Kolander Lucknow Court decision: राजा कोलंदर, जिसे नरभक्षी अपराधी के रूप में कुख्याति प्राप्त है, को 25 साल पुराने हत्या, अपहरण और लूट के मामले में अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। प्रयागराज निवासी कोलंदर पर मानव खोपड़ियां जमा करने और तंत्र-मंत्र जैसी क्रियाओं में शामिल होने के गंभीर आरोप लगे थे।
Raja Kolander 25-Year-Old Double Murder Case: लखनऊ की एक अदालत ने 25 साल पुराने दोहरे हत्याकांड में कुख्यात अपराधी राजा कोलंदर और उसके साथी बच्छराज को उम्रकैद की सजा सुनाई है। नरभक्षण और इंसानी खोपड़ियों के संग्रह जैसे आरोपों से जुड़े इस मामले में न्यायाधीश रोहित सिंह ने 23 मई 2025 को यह फैसला सुनाया।
राजा कोलंदर जिसका असली नाम राम निरंजन कोल है, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का निवासी है। वह 2000 के दशक की शुरुआत में अपने अपराधों के लिए कुख्यात हुआ। उस पर नरभक्षण, इंसानी खोपड़ियों का संग्रह, और तंत्र-मंत्र जैसे अंधविश्वासों में लिप्त होने के आरोप लगे थे। कहा जाता है कि वह खोपड़ियों का उपयोग तंत्र-मंत्र और भविष्य देखने जैसे कृत्यों के लिए करता था।
घटने का विवरण: 2000 में लखनऊ के नाका थाने में एक दोहरे हत्याकांड का मामला दर्ज हुआ था। जांच के दौरान राजा कोलंदर और उसके साथी बच्छराज को इस मामले में मुख्य आरोपी पाया गया। आरोप था कि उन्होंने दो लोगों का अपहरण कर उनकी हत्या की और उनके शवों को ठिकाने लगाया।
न्यायिक प्रक्रिया: इस मामले की जांच सीबीआई ने की, और वर्षों तक चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद, लखनऊ की एक विशेष अदालत ने 23 मई 2025 को राजा कोलंदर और बच्छराज को दोषी करार दिया। विशेष न्यायाधीश रोहित सिंह ने दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
समाज पर प्रभाव: राजा कोलंदर के अपराधों ने समाज में भय और आक्रोश का माहौल पैदा किया था। उसके खिलाफ आए फैसले से पीड़ितों के परिवारों को न्याय मिला है और समाज में कानून के प्रति विश्वास बढ़ा है।