Uniform Civil Code:लोगों को शादी का पंजीकरण 60 दिन के भीतर अनिवार्य तौर पर कराना पड़ेगा। साथ ही लिव इन में रहने का रजिस्ट्रेशन भी पोर्टल पर कराना होगा। समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद राज्य में कई नियम-कानून बदलने वाले हैं।
Uniform Civil Code :शादी का पंजीकरण 60 दिन के भीतर अनिवार्य तौर पर कराना पड़ेगा। दरअसल, उत्तराखंड में जल्द ही समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने जा रही है। यूसीसी लागू होने के बाद राज्य में कई नियम बदल जाएंगे। पहले विवाह के पंजीकरण के लिए कोई विशेष कानून नहीं था। उत्तराखंड में 2010 का एक अधिनियम है, जिसके मुताबिक शादी का पंजीकरण अनिवार्य है। शरियत के मुताबिक, निकाह की रसीद ही शादी के पंजीकरण का प्रमाण मानी जाती है।यूसीसी लागू होने के बाद सभी धर्मों के लिए विवाह का पंजीकरण 60 दिन के भीतर अनिवार्य हो जाएगा। पंजीकरण न कराने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है। साथ ही तलाक, लिव इन रिलेशनशिप सहित तमाम नियम बदल जाएंगे।
उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद तमाम नियम बदल जाएंगे। अब शादी कराने पर 60 दिन के भीतर पंजीकरण अनिवार्य हो जाएगा। इतना ही नहीं जिन लोगों की शादी 26 मार्च 2010 के बाद हुई है, उन सभी दंपति को भी शादी का रजिस्ट्रेशन करना होगा। उन लोगों को रजिस्ट्रेशन के लिए छह माह का समय दिया जाएगा। रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि अभी जुर्माने की राशि तय नहीं की गई है।
पूर्व में तलाक होने पर पंजीकरण की कोई व्यवस्था नहीं थी। यूसीसी लागू होने के बाद पति-पत्नी के लिए तलाक के कारण और आधार एक समान कर दिए गए हैं। अभी पति जिस आधार पर तलाक ले सकता है, उसी आधार पर अब पत्नी भी तलाक की मांग कर सकेगी। तलाक कोर्ट के माध्यम से ही होगा, लेकिन यूसीसी के पोर्टल पर इसे दर्ज कराना अनिवार्य होगा। हलाला और इद्दत जैसी प्रथा खत्म होगी। महिला का दोबारा विवाह करने की किसी भी तरह की शर्तों पर रोक होगी। वहीं, लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए भी युगल को रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा। लिव इन में पैदा होने वाले बच्चे को भी जायज संतान के समान ही अधिकार मिलेंगे।