Lucknow 6 lane highway: लखनऊ को जल्द ही छह लेन वाले विज्ञान पथ की सौगात मिलने वाली है, जो राजधानी को आसपास के जिलों हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली और उन्नाव से तेज़ी से जोड़ेगा। लगभग 250 किमी लंबा यह हाईवे यात्रा समय को आधा करेगा और राज्य के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
UP Mega 6-Lane Science Corridor: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अब एक और बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर बदलाव की दहलीज पर खड़ी है। राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी “विज्ञान पथ” प्रोजेक्ट पर तेजी से काम शुरू हो चुका है। यह छह लेन का आधुनिक हाईवे न केवल लखनऊ को आसपास के प्रमुख जिलों हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली और उन्नाव से जोड़ेगा, बल्कि यात्रा समय को भी अत्यधिक कम कर देगा। लगभग 250 किलोमीटर लंबा यह हाईवे राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR) विकास मॉडल का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है। परियोजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, यह गलियारा 2027 तक जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) विज्ञान पथ को राजधानी का अगला “मास्टर कनेक्टर” मान रहा है। यह मार्ग शहर को कई बाहरी जिलों से जोड़कर ट्रैफिक का दबाव कम करेगा और औद्योगिक गतिविधियों को नई गति देगा। शहीद पथ और किसान पथ की तरह यह भी शहर के विस्तार का बड़ा आधार बनेगा, लेकिन उससे कहीं अधिक प्रभावशाली और व्यापक।
अधिकारियों के अनुसार, विज्ञान पथ का उद्देश्य केवल सड़क निर्माण तक सीमित नहीं है। इसका लक्ष्य है:
यह परियोजना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विज़न “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान” से प्रेरित बताई जा रही है।
विज्ञान पथ के बनने के बाद राजधानी से जुड़े कई औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्रों तक पहुंच आसान हो जाएगी। यात्रियों को मिलेगा तेज और सुरक्षित सफर का विकल्प।
फिलहाल लगने वाला समय:
छह लेन का विस्तार, आधुनिक निर्माण तकनीक, और “कैपेसिटी एन्हांसमेंट” के कारण यातायात में रुकावट कम होगी और वाहनों की गति बढ़ेगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग NH-24 पर रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं, जिससे कई स्थानों पर लंबे जाम लग जाते हैं। NHAI ने उसके विस्तार और चौड़ीकरण के लिए सर्वे पूरा कर लिया है। DPR (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) अंतिम चरण में है और जल्द निर्माण शुरू होने की उम्मीद है। अधिकारियों का दावा है कि यदि सब कुछ योजना के मुताबिक चला, तो प्रोजेक्ट 1 से 1.5 साल में पूरा हो जाएगा।
विज्ञान पथ को अलग-अलग चरणों में बनाया जाएगा। शुरुआती चरण में दो बड़े हिस्सों पर कार्य तेजी से शुरू किया जा रहा है:
साथ ही, LDA भविष्य के विकास को ध्यान में रखते हुए भूमि चिह्नीकरण कर रहा है। सभी विभागों के साथ संयुक्त बैठकों के बाद ही अंतिम DPR को मंजूरी दी जाएगी।
प्रोजेक्ट में 20 रणनीतिक नोड्स बनेंगे, जिनमें शामिल होंगे:
यह पूरा क्षेत्र आर्थिक रूप से उन्नत “कैपिटल रिजन” का रूप ले लेगा।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि विज्ञान पथ सिर्फ सड़क नहीं, बल्कि प्रदेश की आर्थिक मजबूती का आधार है। यह परियोजना यूपी को ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े निवेश से